नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज कांग्रेस नेता अजय माकन की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार सार्वजनिक विज्ञापनों पर शीर्ष अदालत के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रही है. न्यायालय ने कहा कि ‘‘उनके पास अन्य प्रभावी उपाय मौजूद हैं.’’
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एनवी रमन की पीठ ने कहा, ‘‘याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा क्योंकि याचिकाकर्ता (माकन) के पास अन्य प्रभावी उपाय मौजूद हैं.’’माकन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिशा निर्देशों की अवज्ञा की है और सार्वजनिक विज्ञापनों के लिए बजट आवंटन भी करीब 30 करोड रुपये से बढाकर 500 करोड रुपये कर दिया गया है.
पीठ ने हालांकि कहा कि यह अपने दिशा निर्देशों के उल्लंघन के आरोपों पर पृथक याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकती. शीर्ष अदालत ने 13 मई को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश को छोडकर सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीरों के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी.