मंगलौर के प्राचीन मंदिर में हुई दो विधवा महिलाओं की नियुक्ति

मंगलौर : आधुनिकता के तमाम दावों के बावजूद आज भी हमारा समाज विधवा औरतों को शुभता का प्रतीक नहीं मानते हैं. ऐसे में मंगलौर के एक प्राचीन मंदिर में दो विधवा महिलाओं को पुजारी बनाना एक नयी शुरुआत है. श्री गोकर्णनाथश्वर मंदिर में यह आदर्श पहल की गयी है. इस समारोह में शामिल होने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2013 4:11 PM

मंगलौर : आधुनिकता के तमाम दावों के बावजूद आज भी हमारा समाज विधवा औरतों को शुभता का प्रतीक नहीं मानते हैं. ऐसे में मंगलौर के एक प्राचीन मंदिर में दो विधवा महिलाओं को पुजारी बनाना एक नयी शुरुआत है. श्री गोकर्णनाथश्वर मंदिर में यह आदर्श पहल की गयी है. इस समारोह में शामिल होने के लिए सैकडों लोग पहुंचे थे.

समारोह में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गये जिसमें विभिन्न धर्मों के लोगों ने शिरकत की. इन दोनों विधवा महिलाओं को मंदिर की पुजारी नियुक्त करना इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अभी भी भारत में महिला पुजारी का कॉन्सैप्ट प्रचलित नहीं है.पुजारी के रूप में काम करने के लिए इन दोनों महिलाओं को चार महीने का प्रशिक्षण दिया गया है.

अब उन्हें मासिक वेतन दिया जाएगा और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन की होगी. दोनों नवनियुक्त पुजारिनों ने कहा, "हम बहुत खुश हैं." इस मंदिर की स्थापना हिंदू संत और 18वीं सदी के समाज सुधारक नारायण गिरि ने की थी.

Next Article

Exit mobile version