स्किल इंडिया के तहत 40 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देगी सरकार
नयी दिल्ली : भारत को एक कुशल देश बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चार पहल शुरु की. इसके तहत 2022 तक 40 करोड़ लोगों को विभिन्न कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा. विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर उन्होंने स्किल इंडिया का प्रतीक चिन्ह जारी करने के साथ ही राष्ट्रीय कौशल विकास […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
July 15, 2015 5:29 PM
नयी दिल्ली : भारत को एक कुशल देश बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चार पहल शुरु की. इसके तहत 2022 तक 40 करोड़ लोगों को विभिन्न कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा. विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर उन्होंने स्किल इंडिया का प्रतीक चिन्ह जारी करने के साथ ही राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, कौशल विकास तथा उद्यमशीलता, 2015 के लिये राष्ट्रीय नीति, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) की शुरुआत की. पहले विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर शुरु की गई इन पहलों के तहत सरकार का लक्ष्य 2022 तक 40.02 करोड़ लोगों को कुशल बनाने का है.
इस कार्यक्रम में मोदी ने टैग लाइन कौशल भारत, कुशल भारत के साथ स्किल इंडिया का लोगो भी जारी किया. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत अगले एक साल में 24 लाख युवाओं को कुशल बनाया जाएगा. नेहरु युवा केंद्र संगठन के साथ 100 गंतव्यों पर विशेष पीएमकेवीवाई शिविर लगाए जाएंगे. एक कार्यक्रम के बारे में जागरुकता के लिए विशेष एसएमएस अभियान शुरु किया जाएगा. इसके तहत करीब 40 करोड़ अंशधारकों तक पहुंचा जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्किल इंडिया अभियान गरीबी के खिलाफ सरकार की लड़ाई है. इसके तहत सरकार ने 2022 तक 40.02 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा, नीति आधारित रुख के जरिये हमने गरीबी के खिलाफ लड़ाई छेड़ी है और हमें इस युद्ध को जीतना है. हमें गरीबों के बीच से एक सेना तैयार करनी है. हर गरीब मेरा सैनिक है. अपनी क्षमता के साथ हमें यह लड़ाई जीतनी है.
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इससे बेरोजगारी पर लगेगी लगाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्किल इंडिया की शुरुआतकी. इस योजना के शुभारंभ के साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा, पूरा विश्व आज भारत को आदर की नजर से देख रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने शिक्षा पर जोर दिया. उन्होंने कहा, गरीबों के बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते. हर गरीब नौजवान मेरा फौजी है और उन्ही के ताकत से मुझे यह जंग जीतना है. कोई भी गरीब नौजवान दयनीय जिंदगी नहीं जीना चाहता वह आत्मसम्मान से जीना चाहता है.
स्किल सिर्फ जेब में पैसे नहीं लाता वह आत्मविश्वास भी लाता है. अक्सर हमारे घर में जो बड़े हैं वो कहते हैं कि कुछ काम करो और अपने पैर पर खड़े हो जाओ. अगर मां बाप अपने बेटे को पैर पर खड़ा होता देखते हैं तो उन्हें लगता है उनका जीवन सफल हो गया. हमें उन्ही सपनों को पूरा करना है. हमें राज्यों को साथ लेकर इस काम को हमें आगे बढ़ाना है. प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के लिए सबसे पहली प्राथमिकता रोजगार उपलब्ध कराना और उन्हें तैयार करना है. हमें छोटे- छोटे आईआईटी के जरिये उन्हें स्कील देना है.
विश्व में सबसे ज्यादा लोग वर्क फोर्स की जरूरत पड़ने वाली है. हमें उसके लिए तैयार होना है. अबतक हमारा ध्यान सिर्फ नर्सिंग की तरफ था अब हमें दूसरी तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है. इस मिशन के जरिये हमें युवाओं को रोजगार से जोड़ने की जरूरत है. अक्सर लोगों को यह कहते सुना है कि अरे कोई ड्राइवर है क्या आपके पास…. अच्छे ड्राइवर मिल नहीं रहे. युवा बेरोजगार है. कोई भी लोग जल्दी कम अनुभवी लोग को रखना नहीं चाहते. जबतक उसे काम नहीं मिलेगा तबतक उसके पास अनुभव आयेगा कैसे.
प्रधानमंत्री ने युवाओं के स्किल बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा, अगर एक व्यक्ति में कई गुण होंगे तो वह और आगे बढ़ेगा. हमने देखा है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी अन्य काम के लिए चुना गया है और अगर उसके पास कोई और गुण भी हैं तो उसे महत्व मिलने लगता है. हमारे पास ट्रेन ड्राइवरों की भारी कमी है. हमारे यहां लोग चलते – चलते सीखते हैं इसके लिए भी काम करने की जरूरत है.
जिस क्षेत्र में जो काम है उसे उसी आधार पर ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. अगर किसी क्षेत्र में कैमिकल की फैक्ट्री है तो उसे वही काम सिखाया जायेगा ताकि उसे घर में काम मिले. हमारे स्किल को पूरा विश्व मानता रहा है बस एक बार फिर हमें जोर लगाने की जरूरत है. अगर चीन सामान बनाने को लेकर काम कर रहा तो हमें स्किल के तौर पर खुद को विकसित करना होगा.
नरेंद मोदी ने तकनीक के बदलाव पर भी जोर देते हुए कहा, हमारे पिछड़ने का एक कारण यह भी है कि हम समय के साथ बदलाव नहीं लाते. आधुनिक तरीकों को अपनाना होगा. उद्योग जगत के साथ तकनीकों के साथ बैठकर चर्चा करनी होगी की अगले 10 साल में तकनीक कहां जायेगी और उसी आधार पर कोर्स तैयार किया जायेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, गुजरात के लोग सेना में बहुत कम जाते हैं. मैं गुजरात का हूं इसलिए मैं वही के उदाहरण देता हूं. गुजरात के लोग इसलिए कम जाते क्योंकि वह फिजिकल में भी बाहर हो जाते. मैंने सेना के पूराने जवानों को बुलाया और आदिवासी क्षेत्र के इलाकों में ट्रेनिंग दी और कई लोग इसमें शामिल होने लगे. चीजें छोटी होती है लेकिन बदलवा का दायरा बहुत बड़ा होता है. मैं स्किल डवलेपमेंट पर बहुत जोर देता हूं और यह मेरी रूची वाला क्षेत्र है.
प्रधानमंत्री ने दादा ब्रह्माधिकारी के पुस्तक का जिक्र करते हुए कहा, एक व्यक्ति उनके पास एक दिन काम मांगने आया लेकिन वह स्नातक था, उन्होंने पूछा तो उसके पास केवल एक ही जवाब था कि मैं ग्रेजुए हूं. हमें ध्यान देना चाहिए की टुरिस्ट जहां जाते हैं वहां टुरिस्ट गाइड का अपना महत्व है. वहां उसे ट्रेनिंग देनी चाहिए उसके पास खुद ब खुद रोजगार होगा.
मैं जब स्किल डवलेपमेंट पर बात कर रहा था कि कैसे करना है तो मैंने अधिकारियों से कहा, जरा एक लिस्ट बनाओ कि जन्म से लेकर मौत तक हमें क्या क्या चीजें जरूरत होती है. मैंने उनसे पूछा कि जीतनी भी संख्या आयी है उसे बनाने वाले स्कील है क्या हमारे पास. हम कई जीचें सीखा सकते हैं. हम यह भी सीखा सकते हैं मोबाइळ कैसे ऑपरेट करना है. यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है. मैं इस सफल कार्यक्रम के राजीव प्रताप रूड़ी और आप सबको धन्यवाद देता हूं.