न्यायालय ने कहा, नि:शक्त जनों के लिए आरक्षित हों 3 फीसदी सरकारी नौकरियां

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र और सभी राज्य सरकारों को उनके विभागों, कंपनियों तथा संस्थानों में नि:शक्त जनों को नौकरियों में तीन फीसदी आरक्षण मुहैया कराने का आदेश दिया. प्रधान न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अगुवाई वाली पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि नि:शक्त जनों को आरक्षण प्रदान करते हुए, 50 फीसदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2013 11:43 AM

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र और सभी राज्य सरकारों को उनके विभागों, कंपनियों तथा संस्थानों में नि:शक्त जनों को नौकरियों में तीन फीसदी आरक्षण मुहैया कराने का आदेश दिया.

प्रधान न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अगुवाई वाली पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि नि:शक्त जनों को आरक्षण प्रदान करते हुए, 50 फीसदी से अधिक आरक्षण होने संबंधी सिद्धांत लागू नहीं होगा.

पीठ ने कहा कि यह ‘‘चौंकाने वाली एक हकीकत’’ है कि नि:शक्त जनों को विभिन्न सामाजिक अवरोधकों की वजह से रोजगार नहीं मिल रहा हैं जिसके चलते वह गरीबी में तथा उपेक्षित जीवन जी रहे हैं.

आगे पीठ ने कहा कि नि:शक्त जनों के अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है.

इसके साथ ही पीठ ने विभिन्न तरह की अक्षमताओं वाले नि:शक्त जनों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के बारे में दिशानिर्देश जारी किए.

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