कागज मिल परियोजना गंवा सकता है अमेठी
नयी दिल्ली: अगर सरकार की मंजूरी मिली तो राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के जगदीशपुर में प्रस्तावित 3650 करोड रुपये की कागज मिल परियोजना केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते के गृह राज्य महाराष्ट्र के रत्नागिरी में स्थानान्तरित हो सकती है. गीते ने कहा, ‘‘हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने (संप्रग […]
नयी दिल्ली: अगर सरकार की मंजूरी मिली तो राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के जगदीशपुर में प्रस्तावित 3650 करोड रुपये की कागज मिल परियोजना केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते के गृह राज्य महाराष्ट्र के रत्नागिरी में स्थानान्तरित हो सकती है.
गीते ने कहा, ‘‘हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने (संप्रग सरकार) वर्ष 2007 में (अमेठी में मिल स्थापित करने का) फैसला किया था लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण इस दिशा में कुछ नहीं हुआ.’’ पिछले साल लोकसभा चुनावों से पहले संप्रग कैबिनेट ने इस परियोजना को आगे बढाने का प्रयास किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘हम रत्नागिरी में मिल स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि वहां जमीन उपलब्ध है. साथ में वहां बांस की खेती, राजमार्ग, बंदरगाह उपलब्ध है. हमें परियोजना रत्नागिरी स्थानान्तरित करने की मंजूरी के लिए फिर से कैबिनेट के पास जाना होगा.’’अगर कागज मिल परियोजना स्थानान्तरित होती है तो अमेठी के लिए यह दूसरी परियोजना होगी जो वहां स्थापित नहीं होगी.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले इस वर्ष संसद में अमेठी से 200 करोड रुपये का मेगा फूड पार्क हटाए जाने का मामला उठाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया था .
हालांकि सरकार ने आरोप खारिज करते हुए कहा था कि फूड पार्क परियोजना इसलिए रद्द की गई क्योंकि प्रमोटर कंपनी ने प्राकृतिक गैस की अनुपस्थिति में परियोजना आगे बढाने में असमर्थता जाहिर की थी. प्राकृतिक गैस के बारे में सरकार का दावा है कि इसका आवंटन दिसंबर 2012 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने नामंजूर किया था.
कागज मिल को लेकर राजनीतिक मंशा के बारे में पूछे जाने पर गीते ने कहा, ‘‘इस कदम के पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं है. हमारी राहुल गांधी से कोई दुश्मनी नहीं है. अगर जगदीशपुर में जमीन उपलब्ध होती तो हम वहां मिल स्थापित करते.’’ पिछले साल फरवरी में केंद्रीय कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के जगदीशपुर में 3650 करोड रुपये की लागत से कागज मिल लगाने को मंजूरी दी थी.