बच्चे सुरक्षित न हों तो कोई शहर स्मार्ट सिटी नहीं हो सकता: किरण रिजिजू
नयी दिल्ली: देश में बच्चों के यौन उत्पीड़न के आंकडों को हतोत्साहित करने वाला करार देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने आज कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना जैसी पहलें तब तक सफल नहीं हो सकतीं जब तक बच्चों को एक सुरक्षित माहौल नहीं मुहैया कराया जाता. रिजिजू ने कहा कि बच्चों के […]
नयी दिल्ली: देश में बच्चों के यौन उत्पीड़न के आंकडों को हतोत्साहित करने वाला करार देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने आज कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना जैसी पहलें तब तक सफल नहीं हो सकतीं जब तक बच्चों को एक सुरक्षित माहौल नहीं मुहैया कराया जाता.
रिजिजू ने कहा कि बच्चों के यौन उत्पीडन से जुडे आंकडे नीति-निर्माताओं के समक्ष गंभीर सवाल उठाते हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, यह बहुत दुखद है कि भारत में बच्चों के यौन उत्पीडन के आंकड़े बहुत दुखद है. मेरा मानना है कि किसी समाज या किसी देश की प्रगति इस बात से निर्धारित होती है कि वहां के बच्चे कितने सुरक्षित हैं.
रिजिजू ने भारत में शहरी बच्चों पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, बच्चों की सुरक्षा के लिए विभिन्न सरकारें यूं तो बहुत सारे कानून लेकर आई है, लेकिन बच्चों के यौन उत्पीडन की घटनाएं नीति-निर्माताओं के समक्ष गंभीर सवाल उठाती हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, बच्चों की सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्र की अनदेखी नहीं की जा सकती. वरना स्मार्ट सिटी जैसी पहलें सफल नहीं होंगी.कोई भी शहर तब तक स्मार्ट सिटी नहीं बन सकता, जब तक वहां बच्चे सुरक्षित न हों.
पीडब्ल्यूसी इंडिया और सेव दि चिल्ड्रन की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट फॉरगॉटेन वॉयसेस: दि वर्ल्ड ऑफ अर्बन चिल्ड्रन इंडिया का मकसद शहरी बच्चों की स्थिति को परखना था क्योंकि पूरे भारत में पलायन के अलग-अलग स्वरुपों से बच्चों को ज्यादा जोखिम रहता है.
दिल्ली और मुंबई में बच्चों के खिलाफ अपराध के आंकडों को निराशाजनक करार देते हुए रिजिजू ने कहा, बच्चों के खिलाफ अपराध ऐसी चीज है जो वाकई दिमाग को हिला देती है. अपने समाज की सुरक्षा के बारे में हमारे सोचने के तौर-तरीके पर यह असर डालता है.