श्रीनगर : अत्यधिक उंचाई की वजह से हृदय गति रुकने के कारण चार और अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई. इसके साथ ही मरने वालों की संख्या बढकर 22 हो गई है. अधिकारियों की ओर से बताया गया कि अत्यधिक उंचाई के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है और फिर हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो सकती है. अधिकारियों ने बताया कि कल शाम अनंतनाग जिले में पहलगाम गुफा मार्ग में पंजतरणी में दिल्ली निवासी सतपाल गोगयाल (47) की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गयी.
उन्होंने बताया कि पंजाब के रहने वाले 29 वर्षीय अमनदीप की पवित्र गुफा के पास हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गयी. अधिकारियों के अनुसार मणिपुर के 60 वर्षीय राम अवतार की पंजतरणी शिविर में, जबकि महाराष्ट्र के बानु दास की बाल्टाल में हृदय गति से रुकने से हो मृत्यु हो गयी. इन सभी मौतों के साथ ही दो जुलाई की शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या 22 हो गई है. इन 22 मरने वालों में एक सीआरपीफ का जवान भी शामिल है.
गौरतलब है कि श्रद्धालु बर्फ से निर्मित पवित्र शिवलिंग का दर्शन करने अमरनाथ गुफा जाते हैं. अब तक 2.40 लाख तीर्थयात्री इस पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं. इस बीच, तीर्थयात्रियों के नये जत्थे को बाल्टाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर आज सुबह आगे बढने की इजाजत दे दी गयी. इससे पहले गुरुवार रात को बादल फटने के बाद बाल्टाल मार्ग पर यात्रा को रोक दिया गया था.
अमरनाथ के लिए तीर्थयात्रियों का नया जत्था रवाना
तीर्थयात्रियों का एक और जत्था आज सुबह कडी सुरक्षा के बीच पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ. इस जत्थे में 1,720 श्रद्धालु हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जत्था सुबह 4 बजकर 55 मिनट पर यहां भगवती नगर आधार शिविर से 41 वाहनों के काफिले में रवाना हुआ. जत्थे में 1,171 पुरुष, 441 महिलाएं, 14 बच्चे और 94 अन्य हैं.
काफिला पहले ही जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कुड पहुंच चुका है. आज के जत्थे के साथ अब तक 34 हजार 409 तीर्थयात्री जम्मू आधार शिविर से अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हो चुके हैं. कल शाम तक 2,30,000 से अधिक तीर्थयात्री पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन कर चुके थे.