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अमित शाह से मिले शिवराज सिंह चौहान

नयी दिल्ली :भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह और मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात दिल्‍ली में हुई. दोनों के बीच बैठक शाह के आवास में जारी है. ऐसी उम्‍मीद की जा रही है कि दोनों के बीच बैठक में मध्‍यप्रदेश के व्‍यापमं घोटाले के बारे में बातचीत होगी. साथ ही मॉनसून सत्र […]

नयी दिल्ली :भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह और मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात दिल्‍ली में हुई. दोनों के बीच बैठक शाह के आवास में जारी है. ऐसी उम्‍मीद की जा रही है कि दोनों के बीच बैठक में मध्‍यप्रदेश के व्‍यापमं घोटाले के बारे में बातचीत होगी. साथ ही मॉनसून सत्र में संसद में चौहान को लेकर सरकार पर विपक्ष के हमले से बचने के उपाय पर भी चर्चा होगी.

शाह से मिलने के लिए चौहान आज शाम दिल्‍ली पहुंचे. गौरतलब हो कि चौहान को पांच बजे की दिल्‍ली पहुंचना था, लेकिन खराब मौसम के चलते समय पर उनका विमान उड़ान नहीं भर पाया था इस लिए दिल्‍ली पहुंचने में उन्‍हें देर हुई.

मॉनसून सत्र से पहले भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के घर पर नेताओं की बैठक हुयी. इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी सहित कई मंत्री मौजूद थे. बैठक में राजस्थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं.

बताया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे को अपने बचाव से संबंधित दस्तावेज लाने को कहा गया है जिससे मॉनसून सत्र के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार विपक्ष के हमलों का जवाब दे सके. शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल सकते हैं.

आपको बता दें कि कांग्रेस ने वसुंधरा और शिवराज के इस्तीफे मांगे हैं. पार्टी ने पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की मदद करने के मामले में सुषमा से भी पद छोडने की मांग की है. मंगलवार से शुरु हो रहे संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं. व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद पर कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दल भी सरकार को घेरने की तैयारी में दिखाई दे रहे हैं.

इधर, ललित मोदी विवाद, व्यापमं घोटाले और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हमलों को नाकाम करने की कवायद के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत की पूर्व संध्या पर सोमवार को राजग के सभी घटक दलों की पहली बैठक बुलायी है. ताकि विपक्ष का सामना करने की रणनीति तैयार की जा सके. यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस और वाम दलों ने व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का मन बनाया है. इन मामलों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के नाम सामने आये हैं.

मई 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने पहली बार अपने गंठबंधन सहयोगियों की बैठक बुलायी है. संसद में अपनी सरकार के लिए विपक्ष की ओर से खड़ी की जाने वाली मुश्किल को भांपते हुए मोदी ने शुक्रवार को स्वीकार किया था कि अब ‘मुकाबला’ होगा. वैसे भाजपा की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी शिवसेना राजग के घटक दलों की बैठक बुलाने की मांग करती रही है. राज्यसभा में पार्टी के नेता संजय राउत ने यह कहते हुए मोदी के इस फैसले पर खुशी जाहिर की कि इससे गठबंधन को विपक्ष की चुनौती का सामना करने की रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी. लोकसभा में जहां भाजपा की अगुवाई वाले घटक दलों का बहुमत है, वहीं राज्यसभा में इसके पास बहुमत के लिए जरुरी संख्या बल नहीं है.

इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की ओर से सोमवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलायी गयी है ताकि संसद के सुचारु संचालन में मदद मिल सके.

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