मीनाक्षी हत्याकांड: ”आप” पार्टी के यूथ विंग का प्रदर्शन

नयी दिल्ली :आनंद पर्वत हत्याकांड मामले पर राजनीति गर्म हो गई है. इस मामले को लेकर आज आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के कार्यकर्ता दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन दिल्ली पुलिस मुख्‍यालय के सामने किया गया जिससे बाद कमिश्‍नर बीएस बस्सी ने प्रदर्शनकारियों को को मिलने के लिए बुलाया. प्रदर्शन को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2015 12:38 PM

नयी दिल्ली :आनंद पर्वत हत्याकांड मामले पर राजनीति गर्म हो गई है. इस मामले को लेकर आज आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के कार्यकर्ता दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन दिल्ली पुलिस मुख्‍यालय के सामने किया गया जिससे बाद कमिश्‍नर बीएस बस्सी ने प्रदर्शनकारियों को को मिलने के लिए बुलाया.

प्रदर्शन को व्यापक होता देख पुलिस की ओर से वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस कमिश्‍नर बीएस बस्सी को हटाने की मांग कर रहे थे. वहीं दूसरी ओर कमिश्‍नर बीएस बस्सी ने कहा है कि उन्हें कोई समन नहीं किया गया है. उनसे मिलने का आग्रह किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कल शाम को कमिश्‍नर बीएस बस्सी दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिल सकते हैं.

आपको बता दें कि शनिवार को दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्नीस वर्षीय मीनाक्षी के अभिभावकों से शनिवार को मुलाकात की. उन्होंने पीडित परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की. इससे पहले मीडिया में खबर आयी थी कि दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर ने दिल्ली के पुलिस कमिश्‍नर को मीनाक्षी हत्याकांड के सिलसिले में तलब किया है.

शनिवार को केजरीलवाल ने संवाददाताओं से कहा दिल्ली में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति दिन प्रति दिन बदतर हो रही है. दिल्ली पुलिस प्रधानमंत्री के अधीन आती है. या तो उन्हें कुछ करना चाहिए अथवा दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए. दिल्ली पुलिस को राज्य सरकार को सौंपे जाने की जोरदार पैरवी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पुलिस दिल्ली सरकार के प्रति उत्तरदायी नहीं होगी तो उसे जवाबदेह कैसे बनाया जाएगा. फिलहाल, दिल्ली पुलिस अपने में एक कानून है.

इससे पूर्व दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी को एक पत्र लिखकर इस बात का स्पष्टीकरण मांगा कि आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई जबकि पीडिता ने कई बार शिकायत दर्ज करवाई थी. केजरीवाल सरकार ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं.

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