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पत्र विवाद मामले में शांता कुमार से मिले जेपी नड्डा, कहा संयम से लें काम

नयी दिल्ली : एक समय में भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं के साथ कदम से कदम मिला कर चलने वाले भाजपा के वरिष्ठ व बुजुर्ग नेता शांता कुमार ने पार्टी की कमान संभाल रही दूसरी पीढी को नेक नसीहत दी है. शांता कुमार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पत्र […]

नयी दिल्ली : एक समय में भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं के साथ कदम से कदम मिला कर चलने वाले भाजपा के वरिष्ठ व बुजुर्ग नेता शांता कुमार ने पार्टी की कमान संभाल रही दूसरी पीढी को नेक नसीहत दी है. शांता कुमार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिख कर कहा है कि पार्टी के अंदर आंतरिक लोकपाल का गठन किया जाना चाहिए, ताकि पार्टी नेताओं पर लगने वाले आरोपों की जांच हो सके. हालांकि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपने इस बुजुर्ग नेता के सवालों व पत्र का अबतक जवाब नहीं दे सका है. मालूम हो कि शांता कुमार की छवि बेहद ईमानदार और सच कहने की हिम्मत रखने वाले नेता की है.
उधर, इस मामले में आज वरिष्ठ भाजपा नेता व हिमाचल से ही आने वाले जेपी नड्डा ने बात की और उनकी चिंताओं व सवालों को जानने की कोशिश की.सूत्रों के अनुसार, नड्डा ने शांता कुमार को संयम से काम लेने की सलाह दी है और कहा है कि वे अपनी बात संभलकर रखें.
शांता कुमार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि जब वे 19 साल के थे, तब जम्मू कश्मीर आंदोलन शुरू हुआ था और उससे जुडे थे. इस वाकये के 60 साल हो गये, लेकिन तब से न तो वे झुके हैं और न रुके हैं. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी की शानदार उपलब्धियों से मेरा सिर गर्व से उंचा हो जाता है. लेकिन, जब पार्टी पर छिंटे पडते हैं, तो मन में पीडा होती है.
शांता कुमार ने कहा कि मैंने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिख कर अपनी पीडा व्यक्त की है. मेरी जानकारी के बिना यह पत्र फेसबुक पर आ गया है, अब मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे पत्र का अबतक कोई जवाब नहीं मिला है.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद शांता कुमार ने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले के चलते पार्टी का सिर शर्म से झुक गया है. उन्होंने लिखा है कि हाल में महाराष्ट्र से लेकर राजस्थान तक भाजपा शासित राज्यों में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं. इसके चलते पार्टी का सिर शर्म से झुका है.
उन्होंने लिखा है कि मध्यप्रदेश में इस मामले के चलते भाजपा का हर एक कार्यकर्ता सिर झुका कर चल रहा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि एक ओर पार्टी सरकार के एक साल की उपलब्धियों का जश्न मना रही है, वहीं इन विवादों के चलते पानी फिर गया है.
उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पार्टी में आंतरिक लोकपाल के गठन की सलाह दी है. साथ ही यह भी लिखा है कि लोकपाल समिति के पदाधिकारी साफ छवि के होने चाहिए. उन्होंने लिखा है कि लोकपाल सत्ता में बैठे लोगों की गलतियों को बता सकेगा. उन्होंने लिखा है कि अगर ऐसे विवादों के निबटारे के लिए पहल नहीं की गयी है, तो जनता हमें माफ नहीं करेगी और भविष्य में इसके परिणाम हमें भुगतने होंगे.
ध्यान रहे कि शांत कुमार ने कर्नाटक में पार्टी की सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के छिंटों के प्रति भी हाइकमान को चेताया था, जहां बाद में पार्टी चुनाव में मिली हार के बाद सत्ता से बाहर हो गयी.

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