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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र के सार्थक होने की उम्मीद जतायी

नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज ललित मोदी मामले को लेकर हंगामा जारी है. विपक्ष इस मामले पर सरकार से चर्चा की मांग कर रहा है. सरकार नियम 267 के तहत चर्चा के लिए तैयार भी है लेकिन विपक्ष वोटिंग के नियम के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहा है. खबर लिखे जाने तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2015 12:30 PM

नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज ललित मोदी मामले को लेकर हंगामा जारी है. विपक्ष इस मामले पर सरकार से चर्चा की मांग कर रहा है. सरकार नियम 267 के तहत चर्चा के लिए तैयार भी है लेकिन विपक्ष वोटिंग के नियम के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहा है. खबर लिखे जाने तक राज्यसभा में हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी.

इससे पहले संसद के का मानसून सत्र के सार्थक होने की उम्मीद जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि विपक्षी दल कुछ कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर करने के पिछले सत्र में किए गए अपने आश्वासन को पूरा करेंगे और सभी सांसद अच्छे फैसले करने में योगदान देंगे. आज से शुरू हुए संसद सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि मुझे आशा है कि सत्र में अच्छा काम होगा, अधिक काम होगा और संसद देश की आशा और आकांक्षाओं के अनुरुप काम कर सकेगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ गत सत्र में कुछ राजनीतिक दलों ने यह आश्वासन दिया था कि अगले सत्र में कुछ काम प्राथमिकता के आधार पर पूरे किये जायेंगे। इसलिए मुङो आशा है कि सत्र में अच्छा काम होगा.’’ मोदी ने कहा कि अब तक सबका सहयोग मिला है और इसके लिए सबका आभार व्यक्त करता हूं। आगे भी सभी सांसदों का उत्तम योगदान रहेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि कल सर्वदलीय बैठक में सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई। 13 अगस्त तक सत्र चलना तय हुआ है. देश को आगे बढाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय सब मिलकर करें, यह हमारा प्रयास रहेगा.

कल हुई सर्वदलीय बैठक में ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाले एवं कुछ अन्य मुद्दे पर गतिरोध बने रहने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि संसद का यह सत्र हंगामेदार रहेगा. हालांकि प्रधानमंत्री ने सभी मुद्दों पर चर्चा की पेशकश की है. प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों को याद दिलाया कि संसद में सुचारु रुप से कामकाज चलाना सबकी साझा जिम्मेदारी है हालांकि इसकी पहल सरकार को करनी है. उन्होंने संसद के समय को सभी मुद्दों पर चर्चा करने में उपयोग करने की भी अपील की.

उधर, कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आरोपों का सामना कर रहे भाजपा के कुछ नेता इस्तीफा नहीं देते तब तक वह संसद में कामकाज नहीं होने देगी, जबकि सरकार ने जोर दिया है कि कोई इस्तीफा नहीं देगा और वह किसी अल्टीमेटम के दबाव में नहीं आयेगी.

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