1984 के दंगे में आरोपी को बरी करने की साजिश
जम्मू : सन् 1984 के सिख विरोधी दंगे के एक मामले में सज्जन कुमार के बरी होने के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए जम्मू एंड कश्मीर सिख काउंसिल ने आज आरोप लगाया कि जब अल्पसंख्यक समुदायों की बात आयी है तो केंद्र भिन्न पैमाना अपना रही है. काउंसिल के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह की अगुवाई में […]
जम्मू : सन् 1984 के सिख विरोधी दंगे के एक मामले में सज्जन कुमार के बरी होने के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए जम्मू एंड कश्मीर सिख काउंसिल ने आज आरोप लगाया कि जब अल्पसंख्यक समुदायों की बात आयी है तो केंद्र भिन्न पैमाना अपना रही है. काउंसिल के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और केंद्र सरकार, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं कुमार के पुतले फूंके.
दिल्ली की एक अदालत ने 30 अप्रैल को कुमार को दंगे के एक मामले में बरी कर दिया था। उन पर हत्या एवं एक दंगाई भीड़ को भड़काने का आरोप था जिसने दिल्ली के छावनी इलाके में पांच सिखों की हत्या कर दी थी. इस फैसले के खिलाफ सिख समुदाय विरोध कर रहा है और उसने मांग की कि मामला फिर से खोला जाए तथा उनके एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो.
हरमोहिंदर सिंह ने कहा, ‘‘सरकार का देश के इन अल्पसंख्यकों के प्रति भिन्न रवैया है. उन्होंने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर अफजल गुरु को फांसी पर चढ़ा दिया और वह बिना किसी अहम सबूत के देविंदर पाल सिंह भुल्लर को फांसी चढ़ाने की तैयारी कर रही है जबकि कुमार को बरी कर रही है जिनके खिलाफ चश्मदीद गवाह है.’’ इसी बीच भाजपा ने जम्मू कश्मीर की नेशनल कांफ्रेंस अगुवाई वाली सरकार पर जम्मू क्षेत्र के रजौरी एवं पुंछ जिलों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विबोध गुप्ता ने आरोप लगाया,‘‘रजौरी और पुंछ जिलों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. पर्यटन के मोर्चे पर राजौरी-पुंछ की पूरी तरह उपेक्षा की गयी है, सरकार ने इस क्षेत्र के लिए एक भी बड़ी परियोजना मंजूर नहीं की है.’’ उन्होंने कहा कि बाबा गुलाम शाह धर्मस्थल, बाबा बूढ़ा अमरनाथ तीर्थस्थल और बाबा नांगली साहब धर्मस्थल के त्रिभुजाकर सर्किट होने के बाद भी एक के बाद एक सरकारों ने इस क्षेत्र को नजरअंदाज किया.