जानें बंबई विस्फोट मामले कब-कब क्या हुआ
नयी दिल्ली : मुंबई में हुए 13 सिलसिलेवार बम विस्फोटों के 22 साल से भी अधिक समय बाद इस मामले में मृत्युदंड पाये एकमात्र मुजरिम याकूब अब्दुल रजाक मेमन को मौत की सजा के विरुद्ध उसकी याचिका उच्चतम न्यायालय से आज खारिज हो जाने के बाद फांसी पर लटकाया जाना तय हो गया है. अंडरवर्ल्ड […]
नयी दिल्ली : मुंबई में हुए 13 सिलसिलेवार बम विस्फोटों के 22 साल से भी अधिक समय बाद इस मामले में मृत्युदंड पाये एकमात्र मुजरिम याकूब अब्दुल रजाक मेमन को मौत की सजा के विरुद्ध उसकी याचिका उच्चतम न्यायालय से आज खारिज हो जाने के बाद फांसी पर लटकाया जाना तय हो गया है.
अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और उसके दाहिने हाथ समझे जाने वाले छोटा शकील और मेमन के बडे भाई टाईगर मेमन समेत इस भीषण हमले के कई साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड अब भी फरार हैं और समझा जाता है कि वे पाकिस्तान में हैं.
इस मामले के घटनाक्रम इस प्रकार हैं
* 12 मार्च, 1993 : मुंबई 13 सिलसिलेवार बम विस्फोटों से दहल उठा, फलस्वरुप 257 लोगों की जान चली गयी और 713 अन्य घायल हुए.
* 19 अप्रैल : अभिनेता संजय दत्त (आरोपी नंबर 117) गिरफ्तार.
* चार नवंबर : दत्त समेत 189 आरोपियों के खिलाफ 10,000 से अधिक पन्नों का प्राथमिक आरोप दायर किया गया.
* 19 नवंबर : यह मामला सीबीआई को सौंपा गया.
* एक अप्रैल, 1994: टाडा अदालत शहर की सत्र एवं नागरिक अदालत से आर्थर रोड सेंट्रल जेल में एक पृथक भवन में स्थानांतरित.
* 10 अप्रैल, 1995: 26 आरोपी टाडा अदालत से बरी हुए. बाकी आरोपियों के खिलाफ आरोय तय.उच्चतम न्यायालय ने दो और आरोपियों – ट्रैवल एजेंट अबू आसिम आजमी (अब सपा सांसद) और अमजद मेहर बॉक्स को बरी किया.
* 19 अप्रैल : सुनवाई शुरु.
* अप्रैल-जून: आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय.
* 30 जून : दो आरोपी – मोहम्मद जमील और उस्मान झानकानन इस मामले में सरकारी गवाह बन गए.
* 14 अक्तूबर : दत्त को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिली.
* 23 मार्च, 1996 : न्यायाधीश जे एन पटेल का तबादला कर उन्हें उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनाया गया.
* 23 मार्च : पी डी कोडे इस मामले में विशेष टाडा न्यायाधीश नामित किए गए.
* अक्तूबर, 2000: 684 सरकारी गवाहों की जिरह पूरी हुई.
* नौ मई- 18 जुलाई, 2001: आरोपियों ने अपने बयान दर्ज कराए.
* नौ अगस्त : अभियोजन पक्ष ने दलीलें शुरु की.
* 18 अक्तूबर : अभियोजन पक्ष ने दलीलें पूरी की.
* नौ नवंबर: बचाव पक्ष ने दलीलें शुरु की.
* 22 अगस्त, 2002: बचाव पक्ष ने दलीलें पूरी की.
* 20 फरवरी, 2003 : दाउद गिरोह के सदस्य एजाज पठान को अदालत में पेश किया गया.
* 20 मार्च, 2003 : मुस्तफा दोसा की रिमांड कार्यवाही और सुनवाई अलग की गयी.
* सितंबर, 2003: सुनवाई समाप्त. अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
* 13 जून, 2006 : गैंगस्टर अबू सलेम की सुनवाई अलग की गयी.
* 10 अगस्त : न्यायाधीश पी डी कोडे ने कहा कि फैसला 12 सितंबर को सुनाया जाएगा.
* 12 सितंबर: अदालत ने फैसला सुनाना शुरु किया, मेमन परिवार के चार सदस्यों को दोषी ठहराया, तीन बरी किए गए. 12 मुजरिमों को मौत की सजा सुनायी गयी जबकि 20 को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी.
* एक नवंबर, 2011 : उच्चतम न्यायायल ने 100 मुजरिमों और राज्य की अपीलों पर सुनवाई शुरु की.
* 29 अगस्त, 2012 : उच्चतम न्यायालय ने अपीलों पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
* 21 मार्च, 2013: उच्चतम न्यायालय ने मुजरिम और टाईगर मेमन के भाई याकूब मेमन के मृत्युदंड पर मुहर लगायी और 10 मुजरिमों के मृत्युदंड को घटाकर उम्रकैद में तब्दील कर दिया. 18 मुजरिमों में से 16 की उम्रकैद भी अक्षुण्ण रखी गयी.
* मई, 2014 : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने याकूब की दया याचिका खारिज की.
* दो जून, 2014 : उच्चतम न्यायालय ने इस मांग पर मेमन को फांसी पर चढाने पर स्थगन लगा दिया कि मौत के मामलों में समीक्षा याचिकाओं पर चैम्बर्स के बजाय खुली अदालत में सुनवाई की जाए.
* नौ अप्रैल, 2015 : उच्चतम न्यायालय ने मृत्युदंड की समीक्षा की मांग करने वाली मेमन की याचिका खारिज की. शीर्ष अदालत ने ही पहले उसकी मौत की सजा पर मुहर लगायी थी.
* 21 जुलाई, 2015 : उच्चतम न्यायालय ने मृत्युदंड को तामील करने से रोकने के लिए अंतिम कानूनी उपाय के रुप में मेमन द्वारा दाखिल उपचारात्मक याचिका खारिज की.