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”ललित मोदी” प्रकरण पर सदन में हंगामा, अरुण जेटली ने कांग्रेस को ललकारा

नयी दिल्ली :संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन ललित मोदी प्रकरण को लेकर कांग्रेसी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी. वहीं राज्यसभा में भी नजारा कुछ ऐसा ही दिखा. सदन की […]

नयी दिल्ली :संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन ललित मोदी प्रकरण को लेकर कांग्रेसी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी. वहीं राज्यसभा में भी नजारा कुछ ऐसा ही दिखा. सदन की कार्यवाही में विपक्ष ने लगातार व्यवधान डाला जिसके बाद अंतत: राज्यसभा को कल गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

राज्यसभा में ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाला मामले में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर विपक्ष के भारी हंगामे को देखते हुए अरुण जेटली ने बहस की चुनौती दी और कहा कि सुषमा मामले पर चर्चा आज ही की जाए. अरुण जेटली की इस ललकार के बाद विपक्ष ने दोबारा हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी. राज्‍यसभा की कार्रवाई जब तीन बार स्थगन के बाद दोपहर दो बजे से शुरू हुई तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस वीरभद्र पर बात करे. वीरभद्र ने कितना पैसा जमा किया है. जेटली ने कांग्रेस को सभी मुद्दों पर बहस की चुनौती दी.

वहीं दूसरी ओर, लोकसभा में राहुल गांधी समेत कांग्रेस सदस्य आज सदन में अपनी बांह पर काली पट्टी लगाकर आए थे. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि काली पट्टी या काला झंडा लगाना उचित नहीं है और वह सदस्यों से आग्रह करती हैं कि वे इस पर ध्यान दें और ऐसा न करें. कांग्रेस आज सदन में तख्‍ती लेकर भी पहुंचे जिसपर लिखा था, ‘ललित मोदी पर क्यों मौनासान’, ‘जब बडे मोदी मेहरबान, तो छोटे मोदी पहलवान’.

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने कुछ स्थानों पर प्राकृतिक आपदाओं तथा देश एवं दुनिया के कुछ हिस्सों में आतंकी घटनाओं का जिक्र किया एवं सदस्यों ने कुछ पल मौन रखकर शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू करने को कहा. तब सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे कुछ कहने के लिए उठे. लेकिन भाजपा सदस्यों ने इस पर आपत्ति व्यक्त की. अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें एन के प्रेमचंद्रन, मल्लिकाजरुन खडगे, सौगत राय, धर्मेन्द्र यादव, जयप्रकाश नारायण यादव, वीरप्पा मोइली, मोहम्मद सलीम आदि के कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं. विषय महत्वपूर्ण है लेकिन इस पर सदन की कार्यवाही स्थागित नहीं की जा सकती है. इसलिए वह उन्हें नामंजूर करती हैं. इस पर कांग्रेस सदस्य अपने हाथों में तख्तियां लेकर ललित मोदी प्रकरण को उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे.

इस दौरान टीआएस सदस्य अपने हाथों में तख्तियां लेकर तेलंगाना में उच्च न्यायालय स्थापित करने की मांग करते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही 12 बजे शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने विम्बलडन महिला युगल खिताब जीतने वाली सानिया मिर्जा, मिश्रित पुरुष युगल विम्बलडन खिताब जीतने वाले लिएंडर पेस, जूनियर पुरुष युगल विम्बलडन खिताब जीतने वाले सुमित नागल और जूनियर वर्ल्ड गोल्फ चैम्पियनशिप जीतने वाले शुभम जागलान को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी. सदस्यों ने मेजें थपथपा कर इन विजेताओं को बधाई दी. अध्यक्ष ने इसके बाद प्रश्नकाल के दौरान सदन में हंगामा, नारेबाजी और पोस्टर दिखाने वाले सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि यह सदन की गरिमा और नियमों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि जो भी सदस्य सदन में नारे लगाएंगे , पोस्टर और पर्चे दिखाएंगे या काली पट्टी लगाकर आएंगे , वह उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने को बाध्य होंगी. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेसी सदस्य काली पट्टी बांधकर सदन में आए थे.

अध्यक्ष की चेतावनी के बावजूद इसके तुरंत बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और विभिन्न दलों के सदस्य अपनी अपनी मांगों को लेकर पोस्टर और पर्चे उठाए आसन के पास आकर नारे लगाने लगे. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सदस्य ललित मोदी मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे जबकि टीआरएस के सदस्य तेलंगाना के लिए अलग से उच्च न्यायालय की मांग उठा रहे थे.

वाम दलों के सदस्य भी आसन के समक्ष आकर व्यापमं मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने लगे. आप पार्टी के भगवंत मान पोस्टर लहरा रहे थे जिस पर लिखा था, ‘‘भ्रष्टाचारियों की जय जयकार है, ये बेशर्म सरकार है.’’ कांग्रेसी सदस्य जो पोस्टर दिखा रहे थे उन पर लिखा था, ‘‘मोदी जी चुप्पी तोडें , सुषमा को बर्खास्त करें’’ और ‘‘भ्रष्टाचार पर लंबे चौडे भाषण, ललित मोदी पर मौनासन.’’ आसन के सामने एकत्र कांग्रेसी सदस्य लगातार नारे लगा रहे थे , ‘‘नहीं चाहिए, नहीं चाहिए, भ्रष्ट सरकार नहीं चाहिए.’’ हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने जरुरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया.

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