किसान की कर्जमाफी के सवाल पर शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार को चेताया

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के किसानों की कर्ज माफी की मांग खारिज करने के मद्देनजर शिवसेना ने आज कहा कि सरकार जिन किसानों के आशीर्वाद से सत्ता में आयी है, उनका अभिशाप सब कुछ नष्ट कर सकता है. शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘‘ जिस प्रकार दरवाजे पर खडे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2015 2:23 PM

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के किसानों की कर्ज माफी की मांग खारिज करने के मद्देनजर शिवसेना ने आज कहा कि सरकार जिन किसानों के आशीर्वाद से सत्ता में आयी है, उनका अभिशाप सब कुछ नष्ट कर सकता है.

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘‘ जिस प्रकार दरवाजे पर खडे भिखारियों को हडका कर भगा दिया जाता है, वैसा किसानों के साथ नहीं किया जाना चाहिए. सरकार इन्हीं किसानों के आशीर्वाद से सत्ता में आयी है. .. वे राजा हैं.. उनके अभिशाप से सब कुछ नष्ट न होने दें.’’ पार्टी ने कहा, ‘‘ सवाल यह है कि यदि कर्ज माफी से किसानों की आत्महत्या के मामले नहीं रकेंगे तो फिर इन्हें कैसे रोका जा सकता है?’’ ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं करने पर दृढ है.
यदि वह अपने इस निर्णय पर दृढ हैं तो उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उन किसानों का जीवन सुधारने के लिए सरकार की योजना क्या है जिनकी रीढ की हड्डी टूट चुकी है.’’ शिवसेना ने कहा कि राज्य के कुछ इलाकों में बेमौसम बारिश और अन्य हिस्सों में बारिश के अभाव के कारण किसानों की फसलें नष्ट हो जाती हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है. इसके बाद बैंक और साहूकार कर्ज का भुगतान करने के लिए किसानों पर दबाव डालते हैं जिसके कारण किसान अंतत: आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं.
सत्तारूढ गठबंधन की सहयोगी शिवसेना ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री चाहते हैं कि किसान अपने पैरों पर खडे हों. उनका यह निर्णय अच्छा है लेकिन आप उन किसानों को अपने पैरों पर कैसे खडा करेंगे जो पहले ही अपंग हो चुके हैं और बैसाखी के सहारे खडे हैं?’’ उसने कहा कि लोग किसानों की कडी मेहनत के कारण भोजन कर पा रहे हैं और कोई भी कडा निर्णय लेने से पहले यह बात ध्यान में रखी जानी चाहिए.
फडणवीस ने कर्ज माफी से कोई लाभ नहीं होने की बात करते हुए सोमवार को राज्य विधानसभा में कहा था कि 2008 में ( संप्रग सरकार की ओर से की गयी) कर्ज माफी के बाद से 9,614 किसानों ने आत्महत्या की है. फडणवीस ने कहा, ‘‘ 35 लाख किसानों को संस्थागत ऋण नहीं मिल पाता है. मराठवाडा और विदर्भ में 60 प्रतिशत किसानों के पास ऋण की कोई सुविधा नहीं है. आप (विपक्ष के सदस्य) किसके लिए कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं?’’

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