नैनीताल: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने आज संघ के कार्यकर्ताओं से देश के प्राचीन गौरव को पुनर्जीवित करने के लिए सभी हिंदुओं को एक मंच पर एकजुट करने को कहा.भागवत ने स्वयंसेवकों से संघ की विचारधारा और दूरदृष्टि के बारे में जागरुकता पैदा करने को लेकर और अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए यथासंभव अधिक से अधिक शाखा लगाने को कहा.
यहां चल रही संघ के तीन दिवसीय संगठनात्मक बैठक में उन्होंने देश के गौरव के क्रमिक क्षरण के पीछे मौजूद संभावित कारणों का विस्तार से वर्णन किया.बैठक में वक्ताओं ने बदले हुए माहौल में संघ की भूमिका की समीक्षा की मांग की ताकि ह्यसोशल मीडियाह्ण के साथ व्यापक पहुंच बनाई जा सके, जिससे इंटरनेट के युग में अधिक से अधिक युवाओं को संघ से जोडा जा सके.
उन्होंने संघ की लोकप्रियता लगातार बढने और अधिक से अधिक लोगों के इसकी विचारधारा और कार्यक्रमों पर भरोसा जताए जाने पर संतोष जाहिर किया.जम्मू कश्मीर में बाढ और भुज में भूकंप जैसे संकट के समय में संघ द्वारा जाति या मजहब की परवाह नहीं करते हुए बेशकीमती सेवाएं किए जाने का श्रेय आरएसएस में लोगों के बढते विश्वास को दिया.
आरएसएस सूत्रों ने बताया कि बैठक में इसकी प्रत्येक प्रांत इकाइयों की भी उनकी शाखाओं की संख्या के संदर्भ में और उनके संबद्ध क्षेत्रों में लागू किए गए संघ के कार्यक्रमों का भी मूल्यांकन किया गया.पर्वतीय शहर के बाहरी हिस्से में स्थित आरएसएस संचालित स्कूल परिसर में आज की चर्चा में 42 प्रांत प्रचारकों और संगठन मंत्रियों ने हिस्सा लिया. आरएसएस संगठनात्मक विषयों में प्रशासनिक सुविधा के लिए 42 प्रांत इकाइयों के जरिए काम करता है.
यहां चल रही बैठक 24 जुलाई को संपन्न होगी. बैठक में भाग लेने वालों में सरसंघचालक मोहन भागवत, भैया जी जोशी, सुरेश सोनी, दत्तात्रेय होसबोले और मनमोहन वैद्य शामिल हैं.