नयी दिल्ली : मॉनसून सत्र के तीसरे दिन भी हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं. जहां एक ओर ललित मोदी मामले को लेकर विपक्ष विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग कर रहा है वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष के तेवर भी सदन में तल्ख नजर आ रहे हैं. भारत की राजनीति आज ऐसे दिलचस्प मुकाम पर पहुंच गयी है, जहां हर दल दूसरे दल के पुराने मामलों को सामने लाने में जुटी हैं.
आइपीएल के पूर्व कमिश्नर की मदद करने के आरोपों में घिरीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कांग्रेस ने लगातार दो दिन तक संसद ठप की, तो भाजपा भी पूरे तेवर के साथ मैदान में उतरी. उसने कहा कि कांग्रेस यदि अपने रुख पर कायम रही, तो उसे भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. उसे सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मामले में जवाब देना होगा.
गोवा घूस कांड पर तो उसे जवाब देना ही होगा, बोफोर्स घोटाला में गांधी परिवार से क्वात्रोच्चि के संबंधों, भोपाल गैस त्रसदी के आरोपी एंडरसन को भगाने में तत्कालीन सरकार की भूमिका और दाऊद के भारत से भागने के मामले में भी उसे जवाब देने होंगे. कांग्रेस और भाजपा का यह रुख बताता है कि किस तरह राजनीतिक दल देशहित से समझौता करते रहे हैं.
लपेटे में कांग्रेस के पांच नेता
व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद में घिरी भाजपा ने बुधवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पीके थुंगन के दोषी करार दिये जाने के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि कांग्रेस को भ्रष्टाचार के विषय को उठाने और संसद की कार्यवाही बाधित करने का नैतिक अधिकार नहीं है. भाजपा ने कहा कि कांग्रेस की कोठरी से दबे हुए कंकाल लगातार निकल रहे हैं और उसे भ्रष्टाचार के बारे में बोलने का तथा संसद को बाधित करके जनता के धन को बरबाद करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्र ने पूर्वोत्तर के वरिष्ठ कांग्रेसी सांसद थुंगन को दोषी करार देने के मुद्दे को उठाते हुए यह बात कही, जो दो बार अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और दो बार केंद्रीय मंत्री रहे हैं.
अरुणाचल प्रदेश से केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू और असम से केंद्रीय मंत्री सर्बणानंद सोनोवाल के साथ संवाददाताओं को संबोधित कर रहे पात्र ने कहा कि कांग्रेस आत्मनिरीक्षण करे और दो दिन पहले भ्रष्टाचार के लिए दोषी करार दिये गये अपने नेता के अपराध को स्वीकार करे. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस में भ्रष्टाचार का यह स्तर है. इंदिरा गांधी का कालखंड समाप्त हो चुका है, लेकिन अब भी उनके समय के भ्रष्टाचार के मामले वजूद में हैं.’ रिजीजू ने कहा कि थुंगन पूर्वोत्तर से कांग्रेस के जानेमाने नेता हैं. दो बाद मुख्यमंत्री तथा दो बार केंद्रीय मंत्री रहे, इसलिए कांग्रेस को उनसे पीछा नहीं छुड़ाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को अपने एक बहुत वरिष्ठ नेता के दोषी साबित होने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.’
पात्र के मुताबिक, थुंगन को इंदिरा गांधी का विश्वासपात्र माना जाता था. पात्र ने कहा, ‘आज अगर कांग्रेस को कुछ करने की जरूरत है, तो आत्मनिरीक्षण की.’ लुइस बर्गर मामले में गृह मंत्रलय द्वारा किसी तरह की कार्रवाई के सवाल पर रिजीजू ने कहा, ‘यह गंभीर आरोप है और प्रथमदृष्टया मामला बनता है. मैं गृह मंत्रलय द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी नहीं दे सकूंगा. क्योंकि, मामला गंभीर है. नैतिक जिम्मेदारी पद पर रहे व्यक्ति को लेनी चाहिए.’ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उद्धृत करते हुए पात्र ने कहा कि संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में चार डी-डिबेट (बहस), डिस्कशन (चर्चा), डिसीजन (निर्णय) और डिसरप्शन (अवरोध) हैं. लेकिन अंतिम विकल्प को कभी पहला विकल्प नहीं बनाना चाहिए.
इन नेताओं पर लगे आरोप
हरीश रावत, सीएम, उत्तराखंड
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर निजी वितरकों को फायदा पहुंचाने के लिए शराब नीति में बदलाव करने का आरोप है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री वीडियो के माध्यम से सीधे दोषी दिखायी देते हैं. भाजपा द्वारा बुधवार को जारी एक स्टिंग ऑपरेशन में रावत के निजी सचिव मोहम्मद शाहिद को कथित तौर पर बिचौलियो और निजी शराब वितरकों को सरकारी उपक्रमों के बजाय देहरादून में शराब बेचने की अनुमति देने के लिए खुद को दिये जानेवाले कमीशन के लिए मोलभाव करते देखा जा सकता है.
पीके थुंगन, पूर्व मुख्यमंत्री, अरुणाचल
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पीके थुंगन पर एक नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के दो मामले हैं. एक मामला नगालैंड में सिंचाई घोटाले का है, तो दूसरा दिल्ली में डीडीए फ्लैट आवंटन घोटाले से जुड़ा है.
पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे पर वर्ष 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील में सीधे तौर पर लाभान्वित होने के आरोप लगे हैं. तब जनता पार्टी के नेता रहे सुब्रमण्मय स्वामी ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री चिदंबरम ने जान-बूझकर इस मामले की जांच की अनुमति नहीं दी. वहीं, वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने इस डील के लिए फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से क्लियरेंस दिलाने में मदद की थी.
वीरभद्र सिंह, मुख्यमंत्री, हिमाचल
केंद्रीय इस्पात मंत्री के रूप में एक निजी स्टील फर्म से दो करोड़ रुपये घूस लिये. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में एक डिफॉल्टर ऊर्जा कंपनी की जलविद्युत परियोजना को विस्तार दिया, जिसमें वीरभद्र के बच्चों और पत्नी शेयरहोल्डर हैं.
दिगंबर कामत, पूर्व मुख्यमंत्री, गोवा
गोवा के एक मंत्री और कुछ अधिकारियों पर वाटर एंड सीवेज प्रोजेक्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनी लुइस बजर्र से 10 लाख डॉलर घूस लेने का आरोप लगा. भाजपा ने इस मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है. गोवा पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है.