नयी दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग प्रमुख की नियुक्ति को लेकर दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच पैदा हुए ताजा टकराव के मद्देनजर स्वाति मालीवाल ने आज आरोप लगाया कि आयोग के कार्यालय पर ताला लगा दिया गया है और उनकी नेम प्लेट हटा दी गई है. आयोग प्रमुख के तौर पर स्वाति मालीवाल की नियुक्ति को लेकर आप सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग फिर से आमने सामने आ गए हैं. स्वाति ने यह भी दावा किया कि उनके कार्यालय से सभी फाइलें भी हटा दी गई हैं.
तीस वर्षीय कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘ मेरे कार्यालय पर ताला क्यों लगाया गया है और दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) कार्यालय से मेरी और अन्य सदस्यों की नेम प्लेट क्यों हटाई गई है. मैं कहीं नहीं जा रही… मुझे अधिकार वातानुकूलित कमरों में बैठने से नहीं मिलता. मैं महिलाओं की भलाई के लिए काम करुंगी और डीसीडब्ल्यू को विश्व में सबसे मजबूत बनाउंगी.’’ स्वाति मालीवाल ने कल एक ट्वीट कर दावा किया था कि उपराज्यपाल नजीब जंग ने उन्हें फोन किया था और कहा था कि उन्हें आज से कार्यालय नहीं आना चाहिए और उनकी सभी फाइलें वापस ली जा रही हैं.हालांकि उन्होंने ट्वीट में किए अपने दावों के विपरीत बाद में कहा था कि ‘‘जंग नहीं बल्कि उपराज्यपाल सचिवालय’’ ने उनके कार्यालय को बताया था कि उन्हें पद पर बने नहीं रहना चाहिए.
जंग के कार्यालय ने स्वाति के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि उपराज्यपाल ऐसे निराधार आरोपों से दु:खी हैं. स्वाति ने ट्वीट किया था, ‘‘ उपराज्यपाल ने मुङो फोन किया और कहा कि मैं कल से कार्यालय नहीं आउं और मेरी सभी फाइलें वापस ली जा रही हैं. डीसीडब्ल्यू कार्यालय में ताला लगाया जाएगा.’’ स्वाति आम आदमी पार्टी के नेता नवीन जयहिंद की पत्नी हैं.
वह लोक शिकायत मामलों में केजरीवाल की सलाहकार रही हैं और उनके जनता संवाद को संभालती हैं. वह इंडिया अगेंस्ट करप्शन के समय से ही आप प्रमुख से जुडी हुई हैं.जंग ने गत मंगलवार को स्वाति की नियुक्ति रद्द करते हुए कहा था कि इस संबंध में उनसे मंजूरी नहीं ली गई थी. इस पद के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वाति को चुना था.उपराज्यपाल कार्यालय से उन्हें कथित रुप से फोन करने वाले व्यक्ति का नाम पूछे जाने पर स्वाति ने कहा कि वह इस बारे में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को बताएंगी.
उन्होंने कहा कि उनसे किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करने को कहा गया है और डीसीडब्ल्यू में सबसे वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनके कार्यालय पर ताला लगा दिया गया है. कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती अधिकारियों के व्यवहार के कारण डीसीडब्ल्यू ‘‘किट्टी पार्टी आयोग’’ बन गया है. उन्होंने कहा कि वह यहां गंभीर काम करने आई हैं.
मालीवाल ने कहा, ‘‘ इस मामले में हम डरने वाले नहीं हैं और न ही हम उच्च अधिकारियों से भीख मांगेंगे. मैं यहां गंभीर काम करने आई हूं. . मैं विभिन्न मामलों पर बात करने के लिए पिछले तीन दिनों से उपराज्यपाल से मिलने की कोशिश कर रही हूं.’’ इस बीच उपराज्यपाल के कार्यालय में सूत्रों ने स्वाति के उन दावों को सिरे से खारिज किया कि जंग ने उन्हें व्यक्तिगत रुप से फोन किया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि सचिवालय से किसी भी कर्मी ने उनसे बात तक नहीं की. उन्होंने कहा, ‘‘ उपराज्यपाल पर जिस तरह ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं, वह उनसे बहुत दु:खी हैं.’’
LG office ne khandan kiya kal LG Office ne DCW m koi phone nai kiya. Shocking. DCW office ne hamse jhoot kyu bola ki LG se phone aaya hai?
LG office ne khandan kiya kal LG Office ne DCW m koi phone nai kiya. Shocking. DCW office ne hamse jhoot kyu bola ki LG se phone aaya hai?
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) July 23, 2015
स्वाति ने ट्वीट किया कि मैं पिछले तीन दिन से उपराज्यपाल से मिलने का समय मांग रही हूं. मैं आज भी समय मांग रही हूं. मैं सच जानना चाहती हूं. आशा करती हूं कि वह मुझे समय देंगे. स्वाति ने कहा कि वह वर्षों से महिलाओं के लिए काम करती अा रही हैं और करती रहेंगेी. स्वाति ने अपनी नियुक्ति पर हंगामें को हास्यास्पद बताया है. इस बीच स्वाति पूरे जोश के साथ विभिन्न जगहों का दौरा कर वहां की महिलाओं की स्थिति से अवगत हो रही हैं और मीडिया से बात कर उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा भी दिला रही हैं.
Kyu DCW office ne hamari name plates hatayi? Files le li aur office na aane ko kaha?
Kyu DCW office ne hamari name plates hatayi? Files le li aur office na aane ko kaha?
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) July 23, 2015
Mai 3 din se LG se milne ka samay mang rai hu. Aaj bhi mang rai hu ye samajhne k liye ki sach kya h. Asha karti hu wo samay denge
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) July 23, 2015
एलजी ने रद्द की नियुक्ति
जंग ने केजरीवाल सरकार की ओर से की गयी इस नियुक्ति को यह कहते हुए अवैध करार दिया कि इसका कोई कानूनी आधार नहीं है. यह संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है. स्वाति के कार्यभार संभालने के दो दिनों बाद जंग के कार्यालय ने मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेज कर कहा कि यह नियुक्ति ‘अधिकार से इतर और निष्फल’ है. वह इस नियुक्ति को मान्यता नहीं देता है, क्योंकि नियमानुसार उप राज्यपाल की मंजूरी नहीं ली गयी है. गृह मंत्रलय के आदेश का हवाला देते हुए उप राज्यपाल कार्यालय ने इस बात पर जोर दिया कि ‘सरकार’ का मतलब राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त ‘दिल्ली के उप राज्यपाल से है. सरकार की संवैधानिक रूप से वैध परिभाषा अनुच्छेद 239 के तहत राष्ट्रपति की ओर से नियुक्ति किये गये दिल्ली के उप राज्यपाल से संबंधित है. इसे अनुच्छेद 239एए के तहत निर्देशित भी किया गया है. नौकरशाहों की तैनाती को लेकर उप राज्यपाल जंग और मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच टकराव पहले भी हो चुका है.
नियुक्ति में मामूली चूक हुई है : स्वाति
बुधवार को स्वाति ने कहा कि वह उप राज्यपाल के कार्यालय की ‘संवैधानिकता’ का सम्मान करती हैं और उम्मीद करती हैं कि इस ‘मामूली’ मुद्दे का समाधान कर लिया जायेगा. मैं समझती हूं कि इसमें मामूली तकनीकी गड़बड़ी है, क्योंकि कहा गया है कि वह फाइल (मेरी नियुक्ति को लेकर) उप राज्यपाल के कार्यालय नहीं भेजी गयी. मुझे लगता है कि इसका समाधान कर लिया जायेगा. यह बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है. कहा कि मेरा एलजी कार्यालय या दिल्ली सरकार से इस मामले पर कोई संवाद नहीं हुआ है. मैं अपना काम कर रही हूं. मैं अपना काम करना जारी रखूंगी.