सीएबीई की बैठक में शामिल नहीं हुए पल्लम राजू

नई दिल्ली : तेलंगाना मामले पर अपना इस्तीफा सौंपने वाले मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू महत्वपूर्ण केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड(सीएबीई )बैठक में आज शामिल नहीं हुए. इस बैठक में अध्यापकों के प्रशिक्षण और देश में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम की स्थिति सहित कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है.मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2013 12:53 PM

नई दिल्ली : तेलंगाना मामले पर अपना इस्तीफा सौंपने वाले मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू महत्वपूर्ण केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड(सीएबीई )बैठक में आज शामिल नहीं हुए.

इस बैठक में अध्यापकों के प्रशिक्षण और देश में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम की स्थिति सहित कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है.

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री जितिन प्रसाद बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस बैठक में राज्य के शिक्षा मंत्री, शिक्षाविद और विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं.

इस्तीफा देने के बाद से राजू आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. हालांकि उन्होंने शास्त्रीय तमिल के लिए राष्ट्रपति पुरस्कारके विजेताओं को सम्मानित करने के लिए उनके मंत्रलय द्वारा कल राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में हिस्सा लिया था.

सीमांध्र क्षेत्र के राजू और चार अन्य मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से गत सोमवार को मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया था कि वह उनके त्यागपत्र स्वीकार कर लें. यद्यपि उन्हें प्रधानमंत्री से कोई आश्वासन नहीं मिला. राजू ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था.

राजू के नजदीकी सहयोगियों ने बताया कि राजू ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में इसलिए हिस्सा लिया क्योंकि वह राष्ट्रपति के प्रति किसी प्रकार का अनादर नहीं दिखाना चाहते थे.

राजू ने इस्तीफा देने के बाद से कार्यालय जाने से इनकार कर दिया है.

सूत्रों के अनुसार बैठक में राजू की अनुपस्थिति के कारण महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय लेने में रकावट आएगी.

अधिकारियों ने बताया कि राजू के इस्तीफे के बाद से उनके कई आधिकारिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.

मोदी की तारीफ करते हुए भाजपा नेता ने दावा किया कि उनके प्रभावी प्रशासन से गुजरात में शांति है और बीते दशक में राज्य के किसी भी भाग में एक घंटे का भी कर्फ्यू नहीं लगा.

गुजरात की तुलना उत्तर प्रदेश से करते हुए शाह ने कहा कि उप्र में बिजली का घोर संकट है जबकि गुजरात में कोई इन्वर्टर खरीदने के बारे में नहीं सोचता क्योंकि वहां बिजली कटौती नहीं होती.

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