अमेरिका और भारत मिलकर पता करेंगे पर्यावरण संकट के समाधान में अंतरिक्ष तकनीक की उपयोगिता
कोलकाता : भारत और अमेरिका के छात्रों का एक समूह मूल रूप से अंतरिक्ष यात्रा के लिए विकसित किये गये उन नवोन्मेषों का पता लगाने की खातिर शीघ्र ही एक परियोजना पर काम करेगा जिनसे पृथ्वी पर पर्यावरणीय चुनौतियों को सुलझाया जा सकता है. कोलकाता में साइंस सिटी और अमेरिका के चेबोट स्पेस एंड साइंस […]
कोलकाता : भारत और अमेरिका के छात्रों का एक समूह मूल रूप से अंतरिक्ष यात्रा के लिए विकसित किये गये उन नवोन्मेषों का पता लगाने की खातिर शीघ्र ही एक परियोजना पर काम करेगा जिनसे पृथ्वी पर पर्यावरणीय चुनौतियों को सुलझाया जा सकता है. कोलकाता में साइंस सिटी और अमेरिका के चेबोट स्पेस एंड साइंस सेंटर द्वारा चयनित युवा सालभर के समय में अंतरिक्ष यात्रा नवोन्मेषों से प्रेरणा लेकर नमूने एवं गतिविधियों की श्रृंखला विकसित करेंगे.
साइंस सिटी के निदेशक अरिजीत दत्ता चौधरी ने कहा, ‘हम ऐसे अधिक नवोन्मेषों का पता लगाना चाहते हैं जो हमें उन पर्यावरण और स्थिरता संबंधी चुनौतियों का समाधान मुहैया करा सकते हैं जिनका सामना हम कोलकाता और कैलिफोर्निया में करते हैं.’ इस कार्य की निगरानी अंतरिक्ष अन्वेषण, स्थायी विकास एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्रों के स्थानीय विशेषज्ञों का एक सलाहकारी बोर्ड करेगा.
इस परियोजना के अंत में 2016 में गर्मियों में इस दल के सदस्य एक दूसरे के देशों की यात्रा करेंगे और कोलकाता और अमेरिका के कैलिफोर्निया में समुदाय के साथ अपना काम साझा करेंगे. ‘हैकिंग स्पेस : ए स्टूडेंट पार्टनरशिप टू सस्टेन लाइफ ऑन अर्थ’ परियोजना इस वर्ष सितंबर में शुरू होगी. इस परियोजना के तहत 15 से 18 साल के छात्रों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये हैं. इस परियोजना के लिए भारत से आठ और अमेरिका के आठ छात्र चुने जाएंगे.