देवी देवताओं के नाम का इस्तेमाल करके कारोबार करने में कोई दिक्कत नहीं: न्यायालय
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कारोबार में देवी देवताओं के नाम और प्रतीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिये दायर जनहित याचिका पर विचार करने से आज इंकार करते हुये टिप्पणी की, ‘‘इस देश में 33 हजार करोड देवता हैं.’’ प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू, न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ […]
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कारोबार में देवी देवताओं के नाम और प्रतीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिये दायर जनहित याचिका पर विचार करने से आज इंकार करते हुये टिप्पणी की, ‘‘इस देश में 33 हजार करोड देवता हैं.’’ प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू, न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘यह लोगों की आस्था का मामला है.’’ न्यायालय ने कहा कि नागरिकों को किसी भी देवी देवता के नाम पर, जिसमें उनकी आस्था और विश्वास है, अपना कारोबार करने से नहीं रोका जा सकता.
न्यायाधीशों ने इस मामले में बहस करने वाले वकील से सवाल किया, ‘‘एक कारोबारी लक्ष्मी स्टोर नाम रख सकता है. क्या वह अपनी पुत्री का नाम लक्ष्मी नहीं रख सकता.’’न्यायाधीशों ने यह सवाल किया कि किसी व्यक्ति को अपनी नेमप्लेट या पैकेजिंग पर किसी भी देवी देवता का नाम या उनकी तस्वीर लगाने से क्यों रोका जाना चाहिए.पीठ ने कहा, ‘‘मैं किसी देवता की आराधना करता हूं. मैं उनका नाम लगाना चाहता हूं और मैं किसी देवता विशेष का चित्र रखना चाहता हूं तो कोई इसे कैसे रोक सकता है.’’
न्यायालय ने कहा कि कोई व्यक्ति, जो भगवान बाला जी का भक्त है, अपने बेटे का नाम रखकर अपना कारोबार बालाजी के नाम से कर सकता है. न्यायाधीशों ने याचिका खारिज करते हुये कहा, ‘‘खेद है ,आपने ऐसा विषय उठाया है जिसका संबंध लोगों की आस्था से है. इस देश में 33 हजार करोड देवता हैं. ’’