स्वाति मालीवाल मामले में सुलह के अंदाज में आये उपराज्यपाल, कहा उचित प्रक्रिया पूरी होने पर दे देंगे मंजूरी
नयी दिल्ली: आप सरकार के साथ गतिरोध के बीच उपराज्यपाल नजीब जंग का रुख आज नरम होता दिखाई दिया जब उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधिकार क्षेत्र को नकारने का प्रयास नहीं किया और वह दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर स्वाति मालीवाल की नियुक्ति संबंधी फाइल को उचित […]
नयी दिल्ली: आप सरकार के साथ गतिरोध के बीच उपराज्यपाल नजीब जंग का रुख आज नरम होता दिखाई दिया जब उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधिकार क्षेत्र को नकारने का प्रयास नहीं किया और वह दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर स्वाति मालीवाल की नियुक्ति संबंधी फाइल को उचित प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंजूरी दे देंगे.
हालांकि उपराज्यपाल ने कल केजरीवाल द्वारा उन्हें लिखे एक पत्र में प्रधानमंत्री के संदर्भ को अनुचित बताते हुए मुख्यमंत्री की आलोचना की. केजरीवाल ने कल जंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर काम करने का आरोप लगाया था. इससे पहले उपराज्यपाल ने स्वाति की नियुक्ति को यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि इसके लिए उनकी मंजूरी नहीं ली गयी है.
उपराज्यपाल के कहने पर आप सरकार ने कल फाइल मंजूरी के लिए उन्हें भेज दी थी. जंग ने आज मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें स्वाति मालीवाल की नियुक्ति को मंजूरी देने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन फाइल पर उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है.
जंग ने दो पन्नों के पत्र में कहा कि उनका इरादा मुख्यमंत्री को पूरी तरह सहयोग देने का है ताकि आप सरकार सफल हो और मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता से किये गये वादे पूरे कर सकें. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसके लिए प्रतिबद्ध हूं.’’ जंग ने लिखा, ‘‘लोकतांत्रिक कामकाज के लिए आपके सभी अनुरोधों पर सहमति जताने और मुख्यमंत्री के रुप में आपकी आकांक्षाओं को पूरा सम्मान देने का मेरा सतत प्रयास रहा है.’’ ‘दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल’ संबंधी टिप्पणी के लिए केजरीवाल की ओर से की गयी आलोचना पर जंग ने कहा कि वह जो कहना चाहते थे, मुख्यमंत्री ने उसे गलत समझा.
जंग ने कहा कि उनका इरादा कभी मुख्यमंत्री या चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र को नकारने का नहीं रहा है.इस संबंध में उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कार्यालय ने सरकार की कानून में स्थापित परिभाषा का उल्लेख किया था जिसमें 2002 में भारत सरकार द्वारा जारी वह स्पष्टीकरण भी शामिल है जिसके मुताबिक ‘सरकार’ का अर्थ है कि संविधान के अनुच्छेद 239 के साथ अनुच्छेद 239 एए के तहत राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उपराज्यपाल.’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्टीकरण से अर्थ निकलता है कि उपराज्यपाल राष्ट्रपति के प्रतिनिधि हैं और राष्ट्रपति-केंद्र सरकार दिल्ली में उपराज्यपाल के माध्यम से काम करते हैं.’’ स्वाति मालीवाल की नियुक्ति पर जंग ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि स्वाति और आयोग के अन्य सदस्यों के चुनाव में केजरीवाल ने आवश्यक परिश्रम किया है और उन्हें उनकी नियुक्ति करने में कोई संकोच नहीं होगा.
आप सरकार को पूरी तरह सहयोग देने का वादा करते हुए जंग ने केजरीवाल से आगाह किया कि इतना बडा जनादेश हासिल करने के बाद यह अवसर किसी भी तरह बेकार नहीं जाना चाहिए.
जंग ने कहा कि स्वाति की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना उनके समक्ष नहीं रखी गयी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपके द्वारा लिया गया कोई फैसला या नीति संबंधी मामला याद नहीं आता जिसमें मैंने आपके प्रस्तावों पर सहमति नहीं दी हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के फैसले, जो आपके स्तर पर लिये गये और उपराज्यपाल कार्यालय को जानकारी नहीं दी गयी, ये कानून और स्थापित प्रक्रिया के विरोधाभासी हैं और सरकार के सामने कानूनी चुनौती पैदा कर सकते हैं.’’ जंग ने इस बात को भी पूरी तरह गलत बताया कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के कार्यालय पर ताला लगा दिया गया या फाइलें ले ली गयीं जिस तरह का आरोप स्वाति मालीवाल ने लगाया था.