नयी दिल्ली : एक ओर जहां बिहार चुनाव के लिए तैयार हो रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए लालू प्रसाद और कांग्रेस के साथ जदयू गठबंधन देखते हुए इस द्वंद्व में है कि नीतीश कुमार से मिला ‘समर्थन’ कैसे चुकाया जाए. ‘आप’ के द्वंद्व की प्रमुख वजह यह है कि इस गठबंधन को उसकी ओर से दिया जाने वाला मुक्त समर्थन उसकी भ्रष्टाचार-रोधी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है.
पार्टी के नेताओं का मानना है कि इस गठबंधन को समर्थन देने से पार्टी की भ्रष्टाचार-रोधी छवि खराब होगी. एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिए कि आप किसी भी पार्टी को समर्थन दिए बिना भाजपा के खिलाफ प्रचार कर सकती है ताकि धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को उससे फायदा मिले. जब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा गया कि क्या वह जदयू के लिए प्रचार करेंगे तो उन्होंने कोई भी सटीक जवाब न देते हुए कहा, ‘‘देखते हैं, क्या होता है.’’ आम आदमी पार्टी के बीच आकलन था कि केजरीवाल की सरकार और भाजपा शासित केंद्र के बीच संघर्ष ने आप की लोकप्रियता को देशभर में बढाया है. इनके आपसी संघर्ष से ऐसा संदेश गया है कि मोदी सरकार प्रभावी शासन देने के मार्ग में इसके समक्ष अवरोध पैदा कर रही है.
आप के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को बिहार चुनाव में भारी नुकसान उठाना पडेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट संदेश गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप सरकार को उसके वादे पूरे करने में बाधाएं पैदा कर रहे हैं. भाजपा को यह तय करना होगा कि वह कितने लंबे समय तक इसी रवैये को अपनाए रखेगी.’’