करगिल युद्ध के बाद सेना की क्षमता बढी है : लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा
द्रास: सेना ने आज कहा कि करगिल युद्ध के बाद से उसकी क्षमता बहुत तेजी से बढी है और उसे पाकिस्तान एवं चीन से लगती सीमाओं पर किसी भी स्थिति से निबट लेने का विश्वास है. उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने यहां करगिल युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करने के बाद […]
द्रास: सेना ने आज कहा कि करगिल युद्ध के बाद से उसकी क्षमता बहुत तेजी से बढी है और उसे पाकिस्तान एवं चीन से लगती सीमाओं पर किसी भी स्थिति से निबट लेने का विश्वास है.
उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने यहां करगिल युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें दोनों की सीमाओं को लेकर पूरा विश्वास है. करगिल युद्ध से पहले केवल एक ही ब्रिगेड हुआ करता था. अब पूरा डिवीजन है.
उन्होंने कहा, ‘‘तैयारी में कई गुणा सुधार आया है और इसी तरह, आतंकवाद निरोधक ग्रिड के सिलसिले में कई कदम उठाए गए हैं. चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप क्षमताएं बहुत बढ गयी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अतएव, मैं सभी से, देश से कहना चाहता हूं कि कृपया, आश्वस्त रहिए। हम सीमा पर हैं और हमारी क्षमता अच्छा करने की है. ’’सैन्य कमांडर ने कहा कि चीन के साथ लगती सीमा के संबंध में धारणाओं का अंतर है. लेकिन दोनों ही पक्ष समझते हैं कि सीमा पर शांति जरुरी है.
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर धारणा में अंतर है. ऐसा नहीं है कि पूरे नियंत्रण रेखा पर मतभेद है बल्कि ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जहां समस्या है. दोनों पक्ष एलएसी के बारे में अपनी धारणा के मुताबिक गश्ती करते हैं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अतएव, जैसे हम चीनी कार्रवाई को अतिक्रमण के रुप में देखते हैं, उसी तरह वे भी हमारी कार्रवाई को अतिक्रमण के रुप में देखते हैं. लेकिन एक समझ है कि सीमा पर शांति जरुरी है. ’’