नयी दिल्ली : 1993 मुंबई बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी न देने के लिए 40 लोगों ने प्रेसिडेंट लोगों ने अपील की है. इन 40 लोगों में कई सांसद, रिटायर्ड जज और नामी गरामी लोग शामिल हैं.राष्ट्रपति कोपत्र लिखने वालों में वामपंथी पार्टी के सीताराम येचुरी, वृंदा करात, प्रकाश करात , बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और प्रसिद्ध वकील राम जेठमलानी भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि याकूब मेमन को 30 जुलाई को फांसी देने की तैयारी चल रही है. इससे पहले आज याकूब मेमन के परिवार, उसकी पत्नी राहीन मेमन, बेटी जुबैदा मेमन, दोस्त उस्मान और पूर्व वकील श्याम केसवानी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत की और यह कहा कि याकूब मेमन निर्दोष हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि भारत की सरकार उसे माफी देगी.
याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी की सजा के अमल पर रोक का अनुरोध करने वाली नई याचिका में हस्ताक्षर करने वालों ने दावा किया कि मूलभूत और नए आधार हैं जिन पर गुणदोष को देखते हुए विचार किया जा सकता.टाडा अदालत द्वारा जारी फांसी वारंट के अनुसार, मेमन को 30 जुलाई को फांसी दी जानी है.
यह याचिका ऐसे समय दायर की गई जब मेमन की फांसी पर बडा राजनीतिक विवाद खडा हो गया है और भाजपा ने मेमन की फांसी के खिलाफ राजनीतिक दलों की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि तुच्छ राजनीति के कारण बचाव किया जा रहा है.एक दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उनकी तरीफ करने वाले भाजपा सांसद सिन्हा ने मेमन मामले में एक बार पार्टी के विपरीत रूख अपनाया है.
याकूब की पत्नी राहीन मेमन ने बताया कि फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद जब वह याकूब से मिली, तो वह परेशान था. उसे इस सजा की उम्मीद नहीं थी. याकूब ने आत्मसमर्पण किया था और उसके पास पाकिस्तान के खिलाफ सबूत थे. राहीन मेमन ने कहा, वह निर्दोष है. जो दोषी होता है, वह आत्मसमर्पण नहीं करता है. उसे फांसी की सजा देना गलत है. राहीन ने कहा कि मुझे अपने देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है, याकूब को माफी जरूर मिलेगी.
याकूब के पूर्व वकील श्याम केसवानी ने बताया कि याकूब ने भारतीय जांच एजेंसियों की काफी मदद की है. इसलिए उसे फांसी नहीं दी जानी चाहिए.गौरतलब है कि याकूब मेमन की दया याचिका को राष्ट्रपति भी ठुकरा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी याकूब फांसी से बचने की कोशिश में जुटा है.
उसने सुप्रीम कोर्ट मेंपुनर्विचार याचिका दाखिल की है, जिसपर सोमवार 27 जुलाई को सुनवाई होगी. उसे फांसी देने की तारीख 30 जुलाई निर्धारित है. लेकिन कानूनी दांवपेंच के कारण उसे इस तारीख को फांसी देना मुश्किल लग रहा है, हालांकि फांसी की तैयारी हो रही है.