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सिख आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश !

आज सुबह पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीमापुर में बड़ा आतंका हमला हुआ है. आतंकी एक थाने में घुस गयेहैं और उनके खिलाफ ऑपरेशन जारी है. इस घटना में अबतक आठ लोग मारे गये हैं, जिनमें दो होमगार्ड का जवान और चार आम आदमी हैं. आज पूरे 25 साल बाद पंजाब में आतंकी घटना हुई […]

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आज सुबह पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीमापुर में बड़ा आतंका हमला हुआ है. आतंकी एक थाने में घुस गयेहैं और उनके खिलाफ ऑपरेशन जारी है. इस घटना में अबतक आठ लोग मारे गये हैं, जिनमें दो होमगार्ड का जवान और चार आम आदमी हैं. आज पूरे 25 साल बाद पंजाब में आतंकी घटना हुई है. इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व गृहसचिव आरके सिंह ने बयान दिया है कि आईएसआईएस ने यह निर्णय किया हैकि पंजाब मेंसिख आतंकवाद को फिर से जीवित किया जाये.

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1980 से 1990 तक पंजाब में जारी था सिख आतंकवाद
अलग खालिस्तान की मांग को लेकर पंजाब में आतंकवाद का एक दौर चला था. 1980 से 1990 तक पंजाब चलता रहा, आये दिन यहां आतंकवादी गतिविधियां होती रहती थीं, जिसका केंद्र पाकिस्तान में था. पाकिस्तान के सहयोग से सिख आतंकवादी देश और प्रदेश में अराजकता फैला रहे थे. इस आतंकवाद के कारण 21 हजार से अधिक लोगों की जान गयी, जिसमें12 हजार से अधिक आम लोग थे.
ऑपरेश न ब्लू स्टार
1984 में तीन जून से आठ जून तक सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था. इस ऑपरेशन में आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले को बाहर निकलना था, जिसने स्वर्ण मंदिर को आंतकियों का ठिकाना बना दिया था. यह ऑपरेशन प्रधामंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर किया गया था.
इंदिरा गांधी की हत्या
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद कट्टरवादी सिख इंदिरा गांधी के विरोधी हो गये थे,क्योंकि उनके आदेश से ही सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल स्वर्ण मंदिर में सेना का ऑपरेशन चला. इस ऑपरेशन के कारण ही इंदिरा गांधी के दो अंगरक्षकों ने 31 अक्तूबर 1984 को उनकी हत्या कर दी.

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