मुंबई : साल 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को मौत की सजा पर विवाद आज महाराष्ट्र विधानसभा में भी देखने को मिला. शिवसेना-भाजपा ने मांग की कि कांग्रेस के उन विधायकों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए जिन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर याकूब को मिली मौत की सजा को घटाकर उम्रकैद में तब्दील कर देने की बात की है.
शिवसेना-भाजपा और विपक्षी कांग्रेस-एनसीपी के विधायकों की ओर से की जा रही नारेबाजी और हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही छह बार स्थगित करनी पड़ी. जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही आज शुरु हुई और स्पीकर हरिभाउ बागडे ने प्रश्न काल की शुरुआत की, नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भाजपा के मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और मराठवाडा के विकास पर चर्चा की मांग की.
स्पीकर ने विपक्ष से कहा कि वह प्रश्न काल सुचारु रुप से चलने दे जिसके बाद उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों पर फैसला किया जाएगा. कांग्रेस-एनसीपी सदस्यों ने आक्रामक तरीके से अपनी मांग रखी और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए.
इस बीच शिवसेना के गुलाबराव पाटिल ने कहा कि कांग्रेस के जिन सात विधायकों ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर दस्तखत किए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. उन्होंने कहा, वे राष्ट्र विरोधी हैं क्योंकि उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाए. शिवसेना-भाजपा सदस्यों ने मांग की कि याकूब मेमन के दलालों को सजा दी जाए.