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जानिये कैसे होगी याकूब मेमन को फांसी

याकूब मेमन की लंबाई और वजन मापा जा चुका है. फांसी की तैयारियां एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है. राष्ट्रपति और राज्यपाल ने दया याचिका खारिज कर दी है. कल सुबह 7 बजे याकूब को फांसी होना तय माना जा रहा है. 1993 के मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में लगभग 257 लोग […]

याकूब मेमन की लंबाई और वजन मापा जा चुका है. फांसी की तैयारियां एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है. राष्ट्रपति और राज्यपाल ने दया याचिका खारिज कर दी है. कल सुबह 7 बजे याकूब को फांसी होना तय माना जा रहा है. 1993 के मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में लगभग 257 लोग मारे गये. कई परिवार इस धमाके में बर्बाद हो गये. इस मामले में आतंकी याकूब मेमन को सजा मिलने में लगभग 22 साल का लंबा वक्त लग गया. याकूब अभी भी बचने की पूरी कोशिश कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने आज क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई करने से इनकार कर दिया गया.

वहीं कोर्ट ने यह साफ कर दिया गया कि याकूब का डेथ वारंट सही है उसमें कोई खामी नहीं है. अब याकूब की फांसी तय मानी जा रही है. माहाराष्ट्र में सिर्फ दो जेल ऐसे हैं जहां फांसी की सजा दी जाने की व्यवस्था है जिनमें पुणे का यरवदा जेल और नागपुर का सेंट्रल जेल शामिल है. नागपुर जेल में याकूब को दी जाने वाली फांसी 24 वीं होगी जबकि राज्य भर में अबतक 58 लोगों को फांसी दी जा चुकी है. हालांकि इस पर राजनीति भी शुरू है. सवाल खड़े हो रह हैं कि इस फांसी पर हंगामा क्यों. इस बीच सरकार फांसी की तैयारी एक बार फिर शुरू कर दी गयी है आइये जानते हैं आखिर कैसा होगा आतंकी का आखिरी वक्त और कैसे होगी फांसी.

खुले परिषर में होगी फांसी
याकूब मेमन को नागपुर जेल में फांसी दी जायेगी. याकूब को जहां फांसी दी जायेगी वह खुला परिसर है लेकिन चारों तरफ से दिवालों से घिरा है. 30 जून को जब याकूब को फांसी दी जायेगी तो बारिश होने की संभावना है लिहाजा इसे टीन के शेड में भी घेरा गया है. याकूब के सेल से फांसी दिए जाने की जगह की दूरी मात्र 2 मीनट में पूरी हो जायेगी. उसके बाद उसे उसके गुनाहों को पढ़कर सुनाया जायेगा और ये बताया जायेगा कि आखिर क्यों उसे ये सजा दी जा रही है. इसी दौरान उससे यह भी पूछा जायेगा कि उसकी आखिरी इच्छा क्या है.
30 साल बाद होगी इस जेल में फांसी
नागपुर जेल में 30 साल पहले 1984 में अंतिम बार अमरावती के वानखेड़े भाइयों को फांसी दी गई थी जो सीरियल हत्यारे थे.. इसके बाद 30 जून 2015 को याकूब मेमन को फांसी देने की तैयारी की जा रही है. जेल प्रशासन इसे लेकर तैयारियों में जुटा है. महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर सेंट्रल जेल में 30 जुलाई को याकूब मेमन को फांसी देने के दौरान सुरक्षा के लिए 22 लाख रुपए मंजूर किए हैं. इसकी तैयारियां 16 दिन पहले से भी शुरू कर दी गयी है. याकूब का वजन और लंबाई माप ली गयी है. इसकी लंबाई और वजन के आधार पर ही याकूब के फांसी का फंदा तैयार होगा. कैदी को वजन के आधार पर लटकाया जाता है मसलन अगर कैदी का वजन 46 से 60 किलो का है तो उसे 7.6 इंच की गहराई से लटकाया जाता है. रस्सी भी फांसी देने वाले के वजन के आधार पर बनाया जाता है.
फांसी का फंदा बनता है दूसरी तरह की रस्सी से
फांसी का फंदा जिससे बनता है उसे अलग तरीके से बनाया जाता है. याकूब को फांसी देने के लिए तीन रस्सियों का इंतजाम किया गया है इसी में से किसी एक रस्सी से उसे फांसी दी जायेगी. फांसी वाली रस्सी को घी में भिगोकर रखा जाता है. साथ ही फांसी लगाये जाने वाले व्यक्ति को ज्यादा तकलीफ ना हो इसलिए उसे केले के लेप से लपेटा जाता है. फांसी दी जाने वाली रस्सी की मजबूती जांचने के लिए कैदी की वजन से डेढ़ गुणा ज्यादा वजन लटकाया जाता है. इसके लिए एक भारी भरकम रस्सी की डमी की के साथ अभ्यास किया जाता है.
जल्लाद की होती है अहम भूमिका
याकूब को फांसी देने के लिए जल्लाद की तलाश की जा रही है लेकिन अबतक किसी जल्लाद का नाम सामने नहीं आया है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जेल के किसी कर्मचारी को इसके लिए तैयार किया जा सकता है इसके लिए तीन कर्मचारियों को रस्सी में गांठ लगाने इसे मजबूती से बांधने और फांसी देने की प्रकियाओं की ट्रेनिंग दी जा रही है. जल्लाद की भूमिका इसलिए भी अहम होती है ताकि सजा पाने वाले व्यक्ति को कम तकलीफ में सजा मिले और इसमें कोई चूक ना रहे. महाराष्ट्र सरकार की इस परेशानी के बीच मेरठ के जल्लाद पवन कुमार ने आगे आते हुए याकूब मेमन को फांसी की जिम्मेदारी स्वीकार करने की बात कही है. हालांकि इस पर सरकार ने अबतक कोई फैसला नहीं लिया. असल में पवन इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.

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