सरेंडर करने के बावजूद याकूब मेमन को फांसी क्यों : ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने याकूब मेमन के फांसी की सजा पर एक बार फिर सवाल उठाया है. ओवैसी ने कहा कि सरेंडर करने के बावजूद याकूब को क्यों फांसी दी जा रही है. ओवैसी ने आज सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर भी विरोध जताया है जिसमें याकूब की याचिका को खारिज […]
एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने याकूब मेमन के फांसी की सजा पर एक बार फिर सवाल उठाया है. ओवैसी ने कहा कि सरेंडर करने के बावजूद याकूब को क्यों फांसी दी जा रही है. ओवैसी ने आज सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर भी विरोध जताया है जिसमें याकूब की याचिका को खारिज करते हुए फांसी की सजा को जायज ठहराया है.
ओवैसी ने कहा कि अगर याकूब को फांसी दी जा रही है तो फिर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को क्यों बचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर याकूब को फांसी दी जाती है तो फिर बाबरी मस्जिद कांड में गुनाहगारों को भी फांसी दी जानी चाहिए.
गौरतलब हो कि उच्चतम न्यायालय ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट कांड में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब अब्दुल रजाक मेमन को कल दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया. न्यायालय ने फांसी के फंदे से बचने की उसकी आखिरी गुहार को अस्वीकार कर दिया.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, प्रफुल्ल सी पंत और न्यायमूर्ति अमिताव राय की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि दोषी को मौत की सजा पर नागपुर में कल अमल के लिये मुंबई में टाडा अदालत द्वारा 30 अप्रैल को जारी मौत के फरमान में कोई कानूनी खामी नहीं है. याकूब मेमन कल 53 साल का हो जायेगा.