नागपुर: मुंबई विस्फोट के दोषी याकूब मेमन की फांसी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय में दायर एक और याचिका आज खारिज हो गई और उसे कल फांसी देने की तिथि तय है लेकिन उसने अभी तक अपना कोई वसीयतनामा तैयार नहीं किया है. मेमन के वकील अनिल गेदाम ने आज यह बात कही. कल याकूब का 53वां जन्मदिन है और उसे फांसी पर लटकाने की तारीख भी कल ही तय की गई है.
गेदाम ने कहा, ‘‘याकूब को उच्चतम न्यायालय से और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका से भी राहत मिलने की उम्मीद थी. उसने संभवत: सोचा होगा कि वह बच जाएगा और फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा और इसलिए उसने अपना वसीयतनामा तैयार नहीं कराया.’’गेदाम ने कहा कि 1993 विस्फोटों में मौत की सजा प्राप्त एकमात्र दोषी याकूब ने सभी कानूनी उपचार अपना लिए और उसने महाराष्ट्र सरकार के मौत के वारंट को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उच्चतम न्यायालय में 21 जुलाई को उसकी उपराचात्मक याचिका पर सुनवाई से पहले ही इसे जारी कर दिया गया.’’उन्होंने कहा कि टाडा अदालत के फैसले के मुताबिक उसे फांसी पर लटकाए जाने के बाद याकूब के शव पर कल उसके परिवार द्वारा दावा किए जाने की संभावना है.