याकूब मेमन को फांसी : छोटा शकील ने दी परिणाम भुगतने की दी धमकी

नयी दिल्‍ली : 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का गुर्गा छोटा शकील याकूब मेमन को फांसी देने के बाद बौखला गया है. छोटा शकील ने अंग्रेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया को फोन कर कहा कि भारत को इसका बड़ा परिणाम भुगतना होगा. उसने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2015 9:29 AM

नयी दिल्‍ली : 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का गुर्गा छोटा शकील याकूब मेमन को फांसी देने के बाद बौखला गया है. छोटा शकील ने अंग्रेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया को फोन कर कहा कि भारत को इसका बड़ा परिणाम भुगतना होगा. उसने कहा कि सरकार ने कानून की आड़ में एक बेगुनाह को फांसी पर लटकाया है. भाई टाइगर मेमन की गलती की सजा याकूब को दी गयी है.

अखबार को स्‍वयं फोन कर छोटा शकील ने कहा कि याकूब को फांसी कानूनी हत्‍या है. सरकार कह रही थी कि वह गुनाहगारों को सबक देना चाहती है. तो क्‍या सबक देने के लिए एक बेगुनाह को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए. शकील ने कहा कि दाउद भाई ने ठीक किया कि वे सरकार की बातों में आकर भारत नहीं आये, नहीं तो उनके साथ भी ऐसा ही होता.

छोटा शकील ने कहा, ‘याकूब को धोखा देकर सरकार ने दाऊद भाई और उसके सहयोगियों के भारत वापस आने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं. उसने कहा, ‘दाऊद भाई अगर वापस आते तो उनके साथ भी यही होता. अब यह साबित हो गया है.’ बी रमन के लेख पर शकील ने कहा, ‘सीबीआई के एक अफसर ने बोला कि याकूब का रोल नहीं है लेकिन तुम लोगों ने उसका भरोसा नहीं किया. निकम ने बोला कि उन लोगों को एक मैसेज दे रहे हैं. यार हमें मैसेज देने के लिए एक बेगुनाह को फांसी पर लटका रहे हो.’

शकील ने कहा, ‘आइंदा से डी कंपनी में से कोई भी सरकार से चॉकलेट नहीं लेगा. सरकार के वादे पर कोई भरोसा नहीं करेगा. याकूब की फांसी के गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. याकूब पर दाऊद भाई से जुड़े होने के आरोप लगे लेकिन ये सही नहीं है.’ गौरतलब है कि 1993 में मुबई में सीरियल बम ब्‍लास्‍ट में 400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इसमें दाउद इब्राहिम और टाइगर मेमन को मुख्‍य आरोपी बताया गया है.

हमले की साजिश रचने और सहयोग करने के अपराध में याकूब मेमन को 30 जुलाई को नागपुर सेट्रल जेल में फांसी दी गयी. बताया जा रहा है कि दाउद और टाइगर अभी पाकिस्‍तान में शरण लिये हुए हैं. सरकार पर दाउद को वापस लाने का विपक्ष का भारी दबाव है.

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