मैगी की पाबंदी के खिलाफ सोमवार को फैसला करेगी अदालत
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने भारतीय खाद्य संरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) एवं महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के उन आदेशों के खिलाफ नेस्ले इंडिया की ओर से दाखिल एक अर्जी पर आज अपना आदेश सुरक्षित रख लिया जिनके तहत निर्धारित मात्रा से ज्यादा सीसा (लेड) होने के कारण मैगी नूडल्स पर पाबंदी लगा […]
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने भारतीय खाद्य संरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) एवं महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के उन आदेशों के खिलाफ नेस्ले इंडिया की ओर से दाखिल एक अर्जी पर आज अपना आदेश सुरक्षित रख लिया जिनके तहत निर्धारित मात्रा से ज्यादा सीसा (लेड) होने के कारण मैगी नूडल्स पर पाबंदी लगा दी गई थी.
नेस्ले ने दलील दी कि उसके उत्पाद में निर्धारित मात्र से ज्यादा सीसा नहीं है. कंपनी ने एफएसएसएआई और एफडीए की ओर से कराए गए परीक्षणों को चुनौती दी थी, जबकि खाद्य नियामकों ने जोर देकर कहा कि प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं में परीक्षणों के दौरान मैगी में शीशे की मात्र ज्यादा पाई गई जो जन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है.
न्यायमूर्ति वी एम कनाडे और न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला की पीठ ने आदेश सुरक्षित रख लिया. पीठ ने दोनों पक्षों से कहा था कि वे फिर से एक स्वतंत्र परीक्षण कराने के बारे में अपनी सहमति दें. बहरहाल, अदालत की ओर से दिए गए सुझाव पर दोनों पक्ष सहमति नहीं बना पाए. इस पर अदालत ने कहा कि वह सोमवार को आदेश पारित करेगी.नेस्ले के वकील इकबाल छागला ने कहा कि कंपनी इस सुझाव पर सहमत है बशर्ते किसी प्रतिष्ठित वैज्ञानिक की मौजूदगी में यह परीक्षण कराया जाए और इसमें कंपनी के पास उपलब्ध नमूनों का इस्तेमाल किया जाए.
एफडीए के वकील डेरियस खंबाटा ने दलील दी कि कम से कम एक नमूना राज्य के एफडीए की ओर से इकट्ठा किया हुआ होना चाहिए. पीठ ने कहा, ‘‘हमारे लिए उपभोक्ता का हित सबसे ज्यादा अहम है…यह मुकदमा तो चलता रहेगा लेकिन हमारा मानना है कि इस मुद्दे को दोस्ताना तरीके से सुलझाया जाना चाहिए और इसलिए हमने दोनों पक्षों को सुझाव दिया कि वे फिर से एक स्वतंत्र जांच के लिए तैयार हो जाएं.’’ न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘चूंकि दोनों पक्षों ने हमारे सुझाव पर अपनी राय दी, तो हम इस मुद्दे पर सोमवार को आदेश देंगे.’’