Loading election data...

इस्लामिक स्टेट के दुष्प्रचार को रोकने के लिए रणनीति तैयार करेगी सरकार

नयी दिल्ली : आईएसआईएस के दुष्प्रचार जैसी कट्टरपंथी विचाराधाराओं के प्रति रुझान और भारतीय नौजवानों को चरमपंथी समूहों के झांसे में आने से रोकने के उपायों पर चर्चा के लिये कल गृह मंत्रालय की ओर से एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गयी है. आधिकारिक अनुमान के मुताबिक करीब 25 नौजवानों की पहचान पूरे देश में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2015 3:27 AM

नयी दिल्ली : आईएसआईएस के दुष्प्रचार जैसी कट्टरपंथी विचाराधाराओं के प्रति रुझान और भारतीय नौजवानों को चरमपंथी समूहों के झांसे में आने से रोकने के उपायों पर चर्चा के लिये कल गृह मंत्रालय की ओर से एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गयी है.

आधिकारिक अनुमान के मुताबिक करीब 25 नौजवानों की पहचान पूरे देश में की गई जो आईएसआईएस के विचारों से प्रभावित हुए हैं और वे इस समूह के साथ जुडना चाहते हैं.केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल की अध्यक्षता वाली इस बैठक में आईएसआईएस जैसे चरममपंथी विचाराधाराओं पर अंकुश लगाने के सरकार के प्रयासों में मदद की रणनीति को औपचारिक रुप दिया जाएगा.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, किसी धर्म की कट्टरपंथी विचाराधारा की ओर आकर्षित होना चिंता का विषय है. हमें व्यवस्था बनानी होगी क्योंकि ऐसी सूचनाएं हैं कि कई भारतीय युवक आईएसआईएस की ओर से प्रचारित खिलाफत सहित कई अलग अलग कट्टरपंथी विचारधाराओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं. कट्टरता के खिलाफ प्रयासों में युवकों को काउंसलिंग, समुदाय के बडे-बुजुर्गों के जरिए नौजवान पीढी को चरमपंथी विचाराधाराओं से प्रभावित नहीं होने के लिए मनाना और सोशल मीडिया पर निगरानी रखना और ऐहतियाती कदम उठाना शामिल हैं.
अधिकारी ने कहा कि ध्यान इस बात पर होगा कि आईएसआईएस जैसे आतंकी समूहों से युवकों की जुडने की रिपोर्ट मिलने के बाद कितनी जल्दी प्रतिक्रिया करनी है.उन्होंने कहा कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, असम, पंजाब, पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक तथा गृह सचिव एवं दिल्ली के पुलिस आयुक्त भाग लेंगे.
तेलंगाना में 17 युवकों को सीरिया जाने से रोका गया है. महाराष्ट्र से चार युवकों को पश्चिम एशिया जाने से रोका गया. सूत्रों ने कहा कि अब तक किसी युवक को गिरफ्तार नहीं किया गया, हालांकि उन पर निगरानी रखी जा रही है. उनकी काउंसलिंग हुई और वे सामान्य जीवन जी रहे हैं.
महाराष्ट्र और तेलंगाना ने आईएसआईएस संबंधित मामलों से निपटने के लिए एक व्यवस्था बनाई है. कुछ मामलों में गिरफ्तारी भी हुई है. एजेंसियों का मानना है कि गिरफ्तारी पहला विकल्प नहीं होना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version