नयी दिल्ली : संसद में बने गतिरोध को दूर करने के लिए होनेवाली सर्वदलीय बैठक के एक दिन पहले रविवार को सरकार और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया. सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर ‘विघ्नकारी रवैया’ अपनाने का आरोप लगाया, तो कांग्रेस ने संसद में गतिरोध के लिए प्रधानमंत्री के ‘अहंकार’ को जिम्मेदार बताया. मॉनसून सत्र के लगभग आधा हिस्सा के बिना खास कामकाज के ही समाप्त हो जाने के बीच सरकार ने कांग्रेस से आत्मविश्लेषण करने को कहा.
इसके साथ ही सरकार ने कहा कि ललित मोदी को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कथित ‘मदद’ के मुद्दे पर चर्चा के लिए राजी होकर कांग्रेस को अपने ही बनाये जाल से बाहर निकलने का ‘सम्मानजक रास्ता’ मिल सकता है. संसद में बने गतिरोध को दूर करने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस ‘राजनीतिक कारणों’ से सरकार से परेशान हो सकती है, पर, उसे गहराई से आत्मविश्लेषण करना चाहिए.
उसे स्वीकार करना चाहिए कि ‘नकारात्मक सोच एवं विघ्नकारी रवैये’ से अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा. जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर डाले पोस्ट में जीएसटी विधेयक के संदर्भ में कांग्रेस पर निशाना साधा. यह विधेयक संसद से पारित नहीं हो पा रहा है, क्योंकि विपक्ष ललित मोदी मामले में सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और व्यापमं मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफांे की मांग कर रहा है.
जीएसटी विधेयक कांग्रेस का बिल है. असहमति के जो बिंदु उठाये जा रहे हैं, उनको यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी, दोनों में से किसी का भी समर्थन नहीं है. उस समय अधिकार प्राप्त समिति और स्थायी समिति द्वारा बदलाव के संबंध में दिये गये सुझाव भी यूपीए सरकार द्वारा स्वीकार किये गये थे.
अरुण जेटली, वित्त मंत्री
संसद के नहीं चलने का दोष पूरी तरह से प्रधानमंत्री के अहंकार और जिद पर है.’ व्यवधान के लिए हम पर लगाया जा रहा आरोप स्पष्ट करता है कि सरकार संसद में गतिरोध को दूर करने के लिए गंभीर नहीं है. भाजपा और वित्त मंत्री जेटली हमें उपदेश नहीं दें. जब वे विपक्ष में थे, उस समय के अपने आचरण के लिए माफी मांगें.
आनंद शर्मा, कांग्रेस