हैदराबाद : आंध्र प्रदेश सरकार चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ के प्रभाव से निपटने के लिए तैयारी कर रही है जिससे राज्य के तटवर्ती जिलों में नुकसान होने की आशंका है.आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने चक्रवाती तूफान का सामना करने के लिए सरकार की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को ऐहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया.
तटवर्ती जिलों से मिली जानकारी में कहा गया है कि वर्षा हो रही है और समुद्र में लहरे तेज हैं. इस तूफान के प्रभाव से भारी वर्षा शुरु हो गई है. यद्यपि तूफान का प्रभाव ओड़िशा में अधिक होने की उम्मीद है.सचिवालय में चौबीस घंटे कार्य करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है और जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये गए हैं कि वे स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय करें.
तटवर्ती आंध्र और रायलसीमा में राज्य बंटवारे के खिलाफ हड़ताल कर रहे बिजली कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के बाद तटवर्ती आंध्र प्रदेश में तूफान के खतरे के मद्देनजर अपनी हड़ताल अस्थायी तौर पर वापस ले ली है.बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से दोनों क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति व्यापक रुप से बाधित हुई. कर्मचारियों द्वारा हड़ताल समाप्त किये जाने बाद बिजली आपूर्ति में सामान्य स्थिति बहाल हो रही है.अधिकारियों ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा हड़ताल समाप्त करने बाद वियजवाड़ा ताप विद्युत स्टेशन में बिजली उत्पादन शुरु हो गया. अखंड आंध्र प्रदेश समर्थक शिक्षकों ने भी कल मुख्यमंत्री के साथ अपनी बातचीत के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली.
अन्य सरकारी कर्मचारियों ने भी घोषणा की है कि वे चक्रवाती तूफान के मद्देनजर राहत और बचाव कार्यों में हिस्सा लेंगे.फैलिन के प्रभाव के चलते ओडिशा तट पर आज सुबह 45..55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाएं पहले ही पहुंचनी शुरु हो गईं. आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के पहुंचने के समय दक्षिणी ओडिशा के तटीय और अपतटीय जिलों में हवाओं की रफ्तार 205 से 215 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी.इस बीच, चिंतित राज्य सरकार ने कई स्तरों पर बैठक की और बदली हुई परिस्थितियों में स्थिति का जायजा लिया. राज्य सरकार जिलाधिकारियों से पहले ही समुद्र के नजदीक स्थित निचले इलाकों से लोगों को निकालने को कह चुकी है.
विशेष राहत आयुक्त पीके महापात्र ने कहा, ‘‘हमने आदेश दिए हैं कि किसी को भी घास फूस से बने और कमजोर मकानों में रुके रहने की अनुमति नहीं दी जाए.’’फैलिन के प्रभाव के चलते ओडिशा तट पर आज सुबह 45..55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाएं पहले ही पहुंचनी शुरु हो गईं. आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के पहुंचने के समय दक्षिणी ओडिशा के तटीय और अपतटीय जिलों में हवाओं की रफ्तार 205 से 215 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी.
इस बीच, चिंतित राज्य सरकार ने कई स्तरों पर बैठक की और बदली हुई परिस्थितियों में स्थिति का जायजा लिया. राज्य सरकार जिलाधिकारियों से पहले ही समुद्र के नजदीक स्थित निचले इलाकों से लोगों को निकालने को कह चुकी है.विशेष राहत आयुक्त पीके महापात्र ने कहा, ‘‘हमने आदेश दिए हैं कि किसी को भी घास फूस से बने और कमजोर मकानों में रुके रहने की अनुमति नहीं दी जाए.’’