संसद सत्र : सर्वदलीय बैठक विफल, कांग्रेस सुषमा, वसुंधरा व शिवराज के इस्तीफे पर अडिग
नयी दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र में ललितगेट व व्यापमं मुद्दे पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए आज सत्ता पक्ष व विपक्ष सहित तमाम दलों की हुई सर्वदलीय बैठक विफल हो गयी. बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बैठक बेनतीजा रही और इसमें गतिरोध […]
नयी दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र में ललितगेट व व्यापमं मुद्दे पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए आज सत्ता पक्ष व विपक्ष सहित तमाम दलों की हुई सर्वदलीय बैठक विफल हो गयी. बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बैठक बेनतीजा रही और इसमें गतिरोध दूर करने का कोई रास्ता नहीं निकल सका. उल्लेखनीय है कि इस बैठक में सरकार की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह व संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू, जबकि कांग्रेस की ओर से उसके लोकसभा में नेता मल्लिकार्जुन खडगे और राज्यसभा में नेता गुलाम नबी आजाद शामिल हुए.
इस बैठक के विफल होने के संकेत आज तभी मिल गये थे, जब आज सुबह कांग्रेस संसदीय दल को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कडे तेवर दिखाये. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा दिया कि सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे व शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे या बर्खास्तगी के बिना संसद का सत्र हम नहीं चलने देंगे. सोनिया के इस बयान के बाद सत्ता खेमे से खबर आयी कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं होंगे, हालांकि सरकार की ओर से राजनाथ व वेंकैया इसमें शामिल होंगे.
क्या है सोनिया व कांग्रेस की मांग?
सोनिया गांधी व उनकी पार्टी कांग्रेस विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ललित मोदी की मदद को लेकर इस्तीफे की मांग कर रही है. जबकि व्यापमं घोटाला मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पद से हटाने की मांग कांग्रेस कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने आज संसदीय दल की बैठक में सवाल उठाया कि मन की बात करने वाले चैंपियन नरेंद्र मोदी मौन व्रत के चैंपियन क्यों हो गये हैं? उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए आज कई नये उपमाओं की बौछार कर दी. सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को रि पैकेजिंग करने वाला, मार्केटिंग का माहिर, न्यूज मेकर, हेड लाइंस बनवाने वाला शख्स बताया. साथ ही स्पष्ट किया जबतक सुषमा, वसुंधरा व शिवराज को पदभुक्त नहीं किया जाता है, तबतक संसद नहीं चलने दी जायेगी.
भाजपा की रणनीति पर चल रही है कांग्रेस
आज सोनिया गांधी ने पार्टी सासंदों को संबोधित करते हुए एक अहम बात कही. उन्होंने कहा कि पहले इस्तीफा और बहस व चर्चा की परंपरा तो संसद में भाजपा ने ही स्थापित की है और हम उसी का अनुकरण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछली सरकार के दौरान कम से कम पांच बार इस सिद्धांत को अमल करवाया. उल्लेखनीय है कि डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए 2 की सरकार की भाजपा ने लोकसभा में सुषमा स्वराज व राज्यसभा में अरुण जेटली के नेतृत्व में जबरदस्त घेराबंदी की थी. इनकी रणनीतिक घेराबंदी के कारण कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए 2 सरकार को तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा, रेलमंत्री पवन कुमार बंसल सहित कई मंत्रियों को पद से हटाना पडा था.
सोनिया गांधी के नरेंद्र मोदी व सुषमा स्वराज से राजनीतिक रिश्ते
भारतीय राजनीति में जहां विपक्ष व सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बावजूद निजी मधुर संबंधों की लंबी फेहरिश्त रही है, वहीं सोनिया गांधी, नरेंद्र मोदी व सुषमा स्वराज के बीच ऐसा नहीं है. सोनिया गांधी व नरेंद्र मोदी के राजनीतिक रिश्तों में कटुता का भाव बारंबार नजर आता रहा है. वहीं, सुषमा स्वराज सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री के दावेदार होने के दिनों में उनकी तीखी विरोधी के रूप में उभरी थीं. उन्होंने बयान दिया था कि विदेशी मूल की सोनिया अगर देश की प्रधानमंत्री बनेंगी तो वे संन्यास ले लेंगी, सिर मुंडा लेंगी और भगवा वस्त्र पहनेंगी व भूंजे चने खायेंगी. इसके अलावा भी वे कई मौकों पर सोनिया गांधी का तीखा विरोध कर चुकी हैं. ऐसे में राजनीतिक प्रेक्षक यह भी सवाल पूछ रहे हैं कि क्या सोनिया गांधी अपना हिसाब इन नेताओं से बराबर कर रही हैं?