संसद का गतिरोध दूर करने अब पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर टिकी देश की निगाह
नयी दिल्ली : संसद में दो सप्ताह से ललित मोदी प्रकरण व व्यापमं घोटाले को लेकर जारी गतिरोध के खत्म होने की उम्मीद आज सर्वदलीय बैठक में भी टूट गयी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज इस मुद्दे पर कडे तेवर अख्तियार करते हुए कहा है कि जब तक भाजपा व प्रधानमंत्री अपने आरोपी मंत्री […]
नयी दिल्ली : संसद में दो सप्ताह से ललित मोदी प्रकरण व व्यापमं घोटाले को लेकर जारी गतिरोध के खत्म होने की उम्मीद आज सर्वदलीय बैठक में भी टूट गयी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज इस मुद्दे पर कडे तेवर अख्तियार करते हुए कहा है कि जब तक भाजपा व प्रधानमंत्री अपने आरोपी मंत्री व मुख्यमंत्रियों को पद से नहीं हटा देते तबतक संसद सत्र नहीं चलने दिया जायेगा. आज के इस दो अहम घटनाओं के बाद अब संसद का गतिरोध टूटने की उम्मीद अब सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में संभावित बयान से ही बंधती दिख रही है.
कांग्रेस जिस तरह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर अडिग है, उसी तरह भाजपा इनको पद पर बनाये रखने की मांग पर अडिग है. ऐसी सूरत में संसद का मॉनसून सत्र चलना दूभर दिखता है. ऐसे मेंे एक मात्र रास्ता यही बचता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में इस मुद्दे पर बयान दें.
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने आज यह संकेत दिया कि प्रधानमंत्री स्वयं गतिरोध तोडने के लिए पहल कर सकते हैं. नायडू ने कहा कि संसद में दो सप्ताह से जारी गतिरोध के कारण देश दुखी व नाराज है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पहले भी विभिन्न मुद्दों पर संसद में इंटरविन (हस्तक्षेप) करते रहे हैं और जरूरत पडने पर आगे भी करेंगे. उन्होंने कहा कि देश में संसद सत्र नहीं चलने को लेकर गुस्सा व नाराजगी है.
वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि सरकार अपने मंत्रियों की जिम्मेवारी तय करे और हमारे मुद्दे स्वीकार करे, तभी गतिरोध दूर होगा. वहीं, सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने सुषमा, वसुंधरा व शिवराज के इस्तीफे की मांग दोहरायी. जदयू सांसद केसी त्यागी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सर्वदलीय बैठक का एजेंडा पहले से तय कर देती है कि दोषियों का इस्तीफा नहीं होगा, ऐसे में ऐसी बैठक का कोई मतलब नहीं है. वहीं, भाकपा सांसद ने कहा कि पहले आरोपियों पर कार्रवाई हो, उसके बाद सत्र चले और हाउस से बाहर उनके खिलाफ जांच हो.