फांसी दिये जाने से पहले याकूब ने कहा, ”तुम तो अपनी ड्यूटी कर रहे हो, मैं तुमलोगों को माफ करता हूं”
मुंबई बम ब्लास्ट कांड में एक मात्र दोषी याकूब मेमन को 30 जुलाई को फांसी दी गयी. फांसी के बाद आज तक देश भर में विरोध प्रदर्शन रह-रह के हो रहे हैं. कई नेताओं, विद्वानों ने याकूब की फांसी पर सवाल उठाये हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने कहा कि आतंकियों को […]
मुंबई बम ब्लास्ट कांड में एक मात्र दोषी याकूब मेमन को 30 जुलाई को फांसी दी गयी. फांसी के बाद आज तक देश भर में विरोध प्रदर्शन रह-रह के हो रहे हैं. कई नेताओं, विद्वानों ने याकूब की फांसी पर सवाल उठाये हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने कहा कि आतंकियों को भी फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहिए. याकूब की फांसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया था कि मैं इस खबर से दुखी हूं कि हमारी सरकार ने एक इंसान को फांसी पर लटका दिया.
राज्य प्रायोजित इस तरह की घटना हमें हत्यारा साबित कर देती है. उन्होंने ट्वीट किया है कि मौत की सजा आतंकवाद को रोकने में सौ प्रतिशत मददगार साबित नहीं होती है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जरूरी है, लेकिन शिथिलता के साथ इसका क्रियान्वयन कारगर नहीं होगा. उसी तरह से कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि सरकार ने जिस तरह से याकूब मेमन के मामले में तत्परता दिखायी वैसी ही शीघ्रता राजीव गांधी हत्या मामले के दोषियों के खिलाफ क्यों नहीं दिखायी गयी.
याकूब मेमन को लेकर अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में एक खबर छपी है. अखबार में फांसी से पहले याकूब ने अंतिम बार क्या कहा था इसको लेकर खबर छापी गयी है. अंग्रेजी अखबार को एक सूत्र ने जानकारी देते हुए कहा कि याकूब ने फांसी के लिए ले जाते समय अधिकारियों को कहा था कि ‘तुम लोग तो अपनी ड्यूटी कर रहे हो इस लिए मैं तुमलोगों को माफ कर रहा हूं’. याकूब ने कहा कि ‘मैं और मेरा रब जानता है कि असलियत क्या है’.
सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फांसी के लिए ले जाते समय वह न तो डरा हुआ था और न ही कांप रहा था. बल्कि उसके विपरीत वह बिल्कुल ही शांत था.