कांग्रेस के 44 में से 25 सांसद सस्पेंड, सोनिया ने बताया काला दिन
नयी दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कांग्रेस के 25 सांसदों को अशोभनीय आचरण के लिए अगले पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है. स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा हैकि उन्होंने इन सांसदों को सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए सस्पेंड किया है. वहीं, कांग्रेस ने इस फैसले का तीखा […]
नयी दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कांग्रेस के 25 सांसदों को अशोभनीय आचरण के लिए अगले पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है. स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा हैकि उन्होंने इन सांसदों को सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए सस्पेंड किया है. वहीं, कांग्रेस ने इस फैसले का तीखा विरोध जताया है. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे लोकतंत्र व कांग्रेस के लिए काला दिन बताया. कांग्रेस इस मुद्दे पर धरना भी दे सकती है. वहीं, भाजपा ने स्पीकर के फैसले को सही बताया है. स्पीकर के इस फैसले के बाद तय है कि सदन के अंदर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच टकराव और बढेगा.
वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिार्जुन खडगे ने इस पर तीखी नाराजगी जताते हुए कहा कि वे लोग संसद को गुजरात विधानसभा मॉडल पर चलाना चाहते हैं, जहां विपक्ष को सस्पेंड कर एक पक्षीय तरीके से सदन चलाया जाता रहा है. उन्होंने कांग्रेस सांसदों को सस्पेंड किये जाने को दोहरा मानदंड बताते हुए कहा कि सत्ता पक्ष सदन चलाने को इच्छुक नहीं है. उधर, आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को समर्थन जताने के लिए अगले पांच दिन तक सदन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के ललित मोदी प्रकरण व मध्प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के व्यापमं घोटाले मामले में कांग्रेस इस्तीफे की मांग कर रही है. इसी मांग को लेकर कांग्रेस के सांसद पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में लगातार विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं.
निलंबित किए गए कांग्रेस के 25 सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं : बी एन चंद्रप्पा, संतोष सिंह चौधरी, अबु हसन खान चौधरी, सुष्मिता देव, आर धु्रव नारायण, निनोंग ईिरंग, गौरव गोगोई, सुकेंद्र रेड्डी गुथा, दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, के सुरेश, एस पी एम गौडा, अभिजीत मुखर्जी, मुल्लापल्ली रामचंद्रन, के एच मुनियप्पा, बी वी नायक, विसेंट एच पाला, एम के राघवन, रंजीत रंजन, सी एल रुआला, ताम्रध्वज साहू, राजीव शंकर सातव, रवनीत सिंह, डी के सुरेश, केसी वेणुगोपाल और थोकचोम मेनिया हैं. इससे पहले, पिछले सप्ताह भी अध्यक्ष ने कांग्रेस के एक सदस्य अधीर रंजन चौधरी को इसी आधार पर एक दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित किया था.
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और माकपा के पी करुणाकरन ने अध्यक्ष से इन सदस्यों को निलंबित नहीं करने का आग्रह किया और कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो वह भी यही करती थी और उसने वर्ष 2010 में पूरा एक सत्र नहीं चलने दिया था.
अध्यक्ष ने इनके आग्रह के बावजूद कहा कि सदन को सुचारु रूप से चलाने में कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है. इन सदस्यों के नाम पढते हुए उन्हें चेतावनी दी और कांग्रेस के नेताओं से कहा कि वे इस मामले को देखें और उन्हें कडी कार्रवाई करने के लिए मजबूर ना करें.
चेतावनी देने के बावजूद विपक्षी सदस्यों के आसन के समक्ष बने रहने तथा पोस्टर दिखाना और नारेबाजी करना जारी रखे जाने पर अध्यक्ष ने उन्हें नियम 374 ए के तहत अगली लगातार पांच बैठकों के लिए निलंबित कर दिया.
उन्होंने कहा कि हंगामे के चलते लगभग 12 बजे सदन की बैठक स्थगित किए जाने के बाद उन्होंने मामले के समाधान के लिए सर्वदलीय बैठक बुलायी थी और आग्रह किया था कि सदस्य कम से कम दो काम नहीं करें एक पोस्टर न दिखाएं और दूसरा आसन के सामने नहीं आएं. महाजन ने कहा कि उन्हें इस बात का खेद है कि उनकी ये दोनों बातें नहीं मानी गयीं.
कांग्रेस सदस्यों द्वारा अपनी मांग पर अडे रहने के कारण मानसून सत्र शुरु होने के पहले कामकाजी दिन से ही सदन की कार्यवाही ठप पडी है.
कांग्रेस सांसद हाथों में तख्तियां लगा कर सदन में लगातार प्रवेश करते रहे हैं. वे काला बिल्ला लगाकर भी विरोध जताते रहे हैं. स्पीकर सुमित्रा महाजन इसके लिए सांसदों को बार-बार चेतावनी भी देती रही हैं. उन्होंने सांसदों को हिदायत दी थी कि उनका यह तरीका संसद की गरिमा के विपरीत है. यह अशोभनीय आचरण है. उन्होंने सांसदों से सदन का कामकाज होने देने की भी अपील की थी. पर, उसके बावजूद विपक्ष के सांसद नहीं माने और अपने तरीके से विरोध करते रहे, जिसके बाद आज स्पीकर ने उनके खिलाफ कार्रवाई की. उन्होंने पहले भी उन्हें सस्पेंड करने की चेतावनी दी थी.