भूमि विधेयक पर मोदी सरकार का यूटर्न

नयी दिल्‍ली : कुछ प्रमुख मुद्दों को लेकर लगातार सदन में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठाने वाली है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार भूमि बिल पर झुकने को तैयार हो गयी है. खबर है कि सरकार ने 2013 के लैंड बिल में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2015 6:53 PM

नयी दिल्‍ली : कुछ प्रमुख मुद्दों को लेकर लगातार सदन में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठाने वाली है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार भूमि बिल पर झुकने को तैयार हो गयी है. खबर है कि सरकार ने 2013 के लैंड बिल में सभी बड़े संशोधनों को वापस लेने की तैयारी कर ली है. अगर सरकार ऐसा करती है तो लैंड बिल लगभग अपने मूल रुप के साथ लागू किया जा सकता है.

विवादास्पद भूमि विधेयक पर अपने रुख से पीछे हटते हुए भाजपा ने संप्रग के भूमि कानून के महत्वपूर्ण प्रावधानों को वापस लाने पर सहमति व्यक्त की जिसमें सहमति के उपबंध के साथ ही सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन करने के अलावा पिछले वर्ष अध्यादेश के जरिये नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाये गए विवादास्पद संशोधनों को छोड़ना शामिल है.

सूत्रों ने बताया कि संसद की संयुक्त समिति में भाजपा के सभी 11 सदस्यों ने आज संशोधन पेश किया जिसमें सहमति का उपबंध और सामाजिक प्रभावों का मूल्यांकन करना शामिल है. भाजपा के अपने पूर्व के रुख से पीछे हटने के साथ ऐसी संभावना है कि भाजपा सांसद एस एस आहलुवालिया के नेतृत्व वाली समिति सात अगस्त को आम सहमति से रिपोर्ट पेश करे.

सत्तारुढ़ भाजपा द्वारा संशोधन पेश करने के साथ पूर्ण सहमति का स्वर जाहिर करते हुए बैठक के बाद समिति में कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा, यह हमारे 2013 के कानून की तरह ही अच्छा है. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन और कल्याण बनर्जी ने बैठक से वाकआउट करते हुए कहा कि इसमें संशोधनों के बारे में आज सुबह जानकारी दी गई और इसका अध्ययन करने के लिए काफी कम समय मिला.

आज छह संशोधनों पर चर्चा की गई जिस पर आम सहमति थी. राजग के विधेयक में 15 संशोधनों में नौ व्यापक प्रकृति के थे और इनका कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया था. कांग्रेस सदस्य ने दावा किया कि नौ में छह संशोधन जिसमें सहमति का उपबंध, सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन और निजी कंपनी के शब्द को बदलकर निजी निकाय करने के बारे में आज चर्चा की गई और इस पर आमसहमति बनी.

गौरतलब हो कि संसद में लैंड बिल,व्‍यापमं घोटाले और सुषमा स्‍वराज मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है और सदन को चलने नहीं दे रही है. वहीं आज लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही को लगातार एवं जानबूझकर बाधित करने, नारेबाजी करने एवं पोस्टर दिखाने के कारण कांग्रेस के 25 सदस्यों को पांच बैठकों के लिए निलंबन करने का आज कडा कदम उठाया.

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