सुषमा स्वराज देश की पूंजी, शिवराज-वसुंधरा बेहतरीन सीएम, इस्तीफे का सवाल नहीं : वेंकैया नायडू

नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पूंजी बताते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि विपक्ष को साथ लेकर चलने के लिए सरकार आगे आकर अतिरिक्त पहल करने को तैयार है, लेकिन उसकी अव्यवहारिक मांगों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए वेंकैया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2015 3:50 PM

नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पूंजी बताते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि विपक्ष को साथ लेकर चलने के लिए सरकार आगे आकर अतिरिक्त पहल करने को तैयार है, लेकिन उसकी अव्यवहारिक मांगों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए वेंकैया ने कहा कि विपक्षी पार्टी, नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सफलता से वास्तव में उद्विग्न हो गई है और इसलिए देश की प्रगति को रोकने के लिए संसद की कार्यवाही को बाधित कर रही है.

संसदीय कार्य मंत्री ने ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं मामले में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग को सिरे से खारिज कर दिया.
वेंकैया ने सुषमा को पूंजी बताया जबकि भाजपा के अन्य दोनों नेताओं को बेहतरीन काम करने वाला बताया.
उन्होंने कहा, सुषमा स्वराज राष्ट्र की बडी पूंजी हैं. कोई आरोप नहीं हैं. फिर भी वे इस्तीफ चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बेतुकी दलील दे रही है कि उनके शासनकाल के दौरान छह मंत्रियों को इस्तीफा देने पर विवश किया गया, इसलिए वे भी मांग नहीं छोडेंगे. वेंकैया ने कहा कि संप्रग मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे और इन मामलों में कुछ गिरफ्तारी भी हुई थी.
वेंकैया ने कहा कि सुषमा स्वराज सभी सवालों के जवाब देना चाहती हैं लेकिन कांग्रेस चर्चा करना ही नहीं चाहती है.
सदन के कामकाज में व्यवधान पैदा कर रहे कांग्रेस के 25 सदस्यों को निलंबित करने के स्पीकर सुमित्रा महाजन के फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो ऐसे कदम कई बार उठाये गए जैसे कि 1989 में 63 सांसदों को निलंबित किया गया, 2013 में भी ऐसा हुआ.
संसद में गुजरात माडल लागू किये जाने के विपक्ष के आरोपों पर संसदीय कार्य मंत्री ने पूछा, क्या 1989 में भी गुजरात माडल था? उन्होंने कहा, उन्हें उपदेश नहीं देना चाहिए. यह तो वही बात हो गई कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. वेंकैया ने कहा कि कुछ नेता आपातकाल जैसी स्थिति की बात कर रहे हैं और वे एक तरह से आपातकाल की आलोचना कर रहे हैं जिसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन के दौरान लगाया गया था और कई नेताओं को जेल भेजा गया था.
उन्होंने सवाल किया, क्या वे इसे भी स्वीकार करेंगे. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि लोग बेचैन और परेशान हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि कानून बने और बाढ की स्थिति, किसानों की आत्महत्या, लीबिया में अपहरण जैसे मुद्दों पर चर्चा हो. संसद के बाहर धरना देने से कोई मकसद हल नहीं होगा.
वेंकैया नायडू भाजपा की युवा इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दुष्प्रचार का जवाब देना जरूरी है.

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