अब मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी सीधे बैंक खातों में, कैबिनेट ने दी मंजूरी
नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत काम में लगे श्रमिकों को मजदूरी सीधे उनके खातों में जारी करने को आज मंजूरी प्रदान कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने मनरेगा के बेहतर क्रियान्वयन और राज्यों के बेहतर सशक्तिकरण के लिए इस योजना […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत काम में लगे श्रमिकों को मजदूरी सीधे उनके खातों में जारी करने को आज मंजूरी प्रदान कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने मनरेगा के बेहतर क्रियान्वयन और राज्यों के बेहतर सशक्तिकरण के लिए इस योजना को मंजूरी दी.
योजना के तहत मनरेगा की मजदूरी राज्य रोजगार गारंटी कोष विंडो का इस्तेमाल करते हुए सीधे मजदूरों के खातों में जारी की जाएगी. यह राशि ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुरुप राज्य क्रियान्वयन एजेंसियों की ओर से जारी किये जान वाले निधि हस्तांतरण आदेश के आधार पर जारी की जाएगी.
इस कदम का उद्देश्य निधि प्रवाह प्रणाली को और व्यवस्थित करना है और राज्य सरकारों या जमीनी स्तर की क्र्रियान्वयन एजेंसियों को इसके लिए सशक्त बनाना है कि वे कानून के उद्देश्यों के अनुरुप हितग्राही को इसे वितरित करें. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित प्रणाली से सभी हितधारकों को लाभ होगा और समग्र क्रियान्वयन दक्षता में सुधार होगा और मजदूर इसे लेकर आश्वस्त होंगे कि भुगतान आदेश जारी होने के दूसरे दिन उनके खाते में धनराशि आ जाएगी.
इस योजना से धनराशि के हस्तांतरण में अधिक पारदर्शिता और मनरेगा में कम स्तर का भ्रष्टाचार सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकारें क्रियान्वन के लिए धनराशि के प्रबंधन की चिंता किये बिना योजना बनाने और प्रक्रिया दक्षता में अधिक समय लगा सकेंगी. इसके साथ ही केंद्र सरकार को यह लाभ होगा कि वह वही राशि जारी करेगी जो कि खर्च करने योग्य है. ग्राम पंचायतें भी इस बारे में सशक्त बनेंगी कि वे वही कार्य शुरू करेंगी जो मंजूर श्रम बजट के अनुरुप होगा.