नयी दिल्ली: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने आज कहा कि वर्ष 1997 के लक्ष्मण बाथे दलित नरसंहार कांड में 26 आरोपियों को बरी करने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले से गरीब और समाज के कमजोर वर्गो का न्यायपालिका में विश्वास घट जाएगा.
यादव ने अदालत के फैसले को दुखद करार दिया और मांग की कि कमजोर वर्ग को न्यायपालिका में आरक्षण दिया जाना चाहिए क्योंकि समाज के असली चरित्र का प्रतिनिधि होना चाहिए. यादव ने कहा, ‘‘यह बहुत ही दुखद फैसला है. इससे गरीबों एवं कमजोर लोगों का हमारी न्याय व्यवस्था में विश्वास घट जाएगा. ‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला हमारी न्यायपालिका में अधिकारविहीन लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व की जरुरत की ओर संकेत करता है. ‘‘ पटना उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बिहार के गांव में 58 दलितों की हत्या के आरोपी 26 व्यक्तियों को नौ अक्तूबर को बरी कर दिया था.