आतंकी नावेद से पूछताछ के लिए एनआइए की टीम पहुंची जम्मू

उधमपुर/ नयी दिल्ली :जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में हुए आतंकी हमले के बाद जिंदा पकड़े गये आतंकी नावेद से पूछताछ के लिए एनआइएस की टीम जम्मू-कश्‍मीर के आरएस पुरा पहुंची चुकी है. वहीं इस आतंकी हमले को लेकर बीएसएफ के महानिदेशक डी के पाठक ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि उधमपुर हमले को गुरदासपुर हमले से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2015 7:31 AM

उधमपुर/ नयी दिल्ली :जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में हुए आतंकी हमले के बाद जिंदा पकड़े गये आतंकी नावेद से पूछताछ के लिए एनआइएस की टीम जम्मू-कश्‍मीर के आरएस पुरा पहुंची चुकी है. वहीं इस आतंकी हमले को लेकर बीएसएफ के महानिदेशक डी के पाठक ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि उधमपुर हमले को गुरदासपुर हमले से जोड़कर देखना जल्दबाजी होगी. इस हमले का हमारे पास कोई इनपुट नहीं था. आतंकियों को बीएसएफ के शहीद जवान रॉकी ने मुंहतोड़ जवाब दिया और एक को मार गिराया. मुठभेड़ को लेकर कोई मतभेद नहीं है. आपको बता दें कि इससे पहले खबर आयी थी कि जम्मू कश्मीर के उधमपुर में गुरुवार को मारे गए आतंकी को लेकर बीएसएफ और सीआरपीएफ ने अलग-अलग बयान जारी किए है जिसमें आतंकी को उनके द्वारा मारे जाने का दावा किया गया है.

वहीं दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एक बड़े आतंकी हमले में जिंदा पकड़ा गया नावेद उर्फ कासिम खान उर्फ उस्मान ने खुलासा किया है कि उसने रमजान के महीने में भारतीय सीमा में प्रवेश किया. उसके साथ 6-7 आतंकी थे. नावेद और उसके साथी कुलगाम से एक ट्रक में सवार होकर उधमपुर पहुंचे और बीएसएफ की गाड़ी पर हमला किया. सुरक्षाबलों को अब उस ट्रक की तलाश है जिसपर आतंकी सवार होकर उधमपुर पहुंचे थे. आतंकियों ने ट्रक में ही खाना खाया. बताया जा रहा है कि ट्रक में आटा रखा था जो आतंकियों को उधमपुर पहुंचाने के बाद कश्‍मीर की ओर रवाना हो गया. सूत्रों के अनुसार लश्‍कर ने आतंकी को उस्मान नाम दिया था.

आतंकी नावेद मामले में पाकिस्तान ने भारत के दावे को गलत बताया है. टीवी चैनल एबीपी न्यूज के साथ बात करते हुए एक बड़े पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा है कि भारत पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. नावेद का पाकिस्तान से कोई कनेक्शन नहीं है.वहीं एनआइए की टीम जिंदा पकड़े गये आतंकी से पूछताछ के लिए जम्मू पहुंच चुकी है.

आपको बता दें कि उधमपुर में बुधवार को हुए आतंकी हमले में सीमा सुरक्षा बल के दो कांस्टेबल शहीद हो गये. खास बात यह रही कि हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को 2008 के मुंबई हमले के हमलावर कसाब की ही तरह जिंदा पकड़ लिया गया. यह हमला पंजाब के गुरदासपुर में हुए आतंकी हमले के एक हफ्ते बाद हुआ है, जिसमें तीन पाकिस्तानी आतंकियों ने सात लोगों की जान ले ली थी. इस खतरनाक हमले में शामिल मोहम्मद नावेद ने एक अन्य उग्रवादी नोमान उर्फ मोमिन के साथ मिलकर सुबह करीब आठ बजे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीमा सुरक्षा बल के काफिले पर गोलियां चलायीं. सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसमें नोमान मारा गया.

हमले के पीछे पाकिस्तान :
नावेद पास की पहाड़ियों में एक गांव की तरफ भाग गया और उसने तीन लोगों को बंधक बना लिया. बाद में ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. इस आतंकवादी के जिंदा पकड़े जाने से भारतीय सुरक्षा संगठन को यह साबित करने में मदद मिलेगी कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था.

घटना का ब्योरा देते हुए पुलिस महानिरीक्षक (जम्मू) दानिश राणा ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल का काफिला जब जम्मू से श्रीनगर के रास्ते में नासू पट्टी पहुंचा तो उग्रवादियों ने उसपर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध फायरिंग की. हमले में घायल हुए सीमा सुरक्षा बल के 11 कर्मियों को जम्मू के अस्पताल और निकटवर्ती उधमपुर के सैनिक अस्पताल ले जाया गया. दिल्ली स्थित बल के मुख्यालय में अधिकारियों ने बताया कि कांस्टेबल रॉकी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए काफिले पर हमला करने वाले उग्रवादी को मार गिराया. रॉकी हरियाणा और राय पश्चिम बंगाल से हैं.

शहीद रॉकी हरियाणा से और रॉय प बंगाल से
: कांस्टेबल रॉकी ने अदम्य साहस का परिचय दिया और काफिले पर हमला करने वाले आतंकवादी को मार गिराया. इस हमले में शहीद हुए रॉकी का ताल्लुक हरियाणा और रॉय का ताल्लुक पश्चिम बंगाल से था.

Next Article

Exit mobile version