हिंदुओं को मारने में मजा आता है : पाकिस्तानी आतंकी उस्मान
उधमपुर : जिंदा पकड़े गये पाकिस्तान से आये संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी नावेद ने मीडिया के सामने कहा : मैं हिंदुओं को मारने आया था. मुङो यहां आये 12 दिन हो गये हैं. इतने दिन हम जंगल में घूमते रहे. मैं पाकिस्तान से हूं. मेरा साथी गोलीबारी में मारा गया, लेकिन मैं बच गया. अगर मैं […]
उधमपुर : जिंदा पकड़े गये पाकिस्तान से आये संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी नावेद ने मीडिया के सामने कहा : मैं हिंदुओं को मारने आया था. मुङो यहां आये 12 दिन हो गये हैं. इतने दिन हम जंगल में घूमते रहे. मैं पाकिस्तान से हूं. मेरा साथी गोलीबारी में मारा गया, लेकिन मैं बच गया. अगर मैं मारा जाता, तो यह अल्ला का करम होता. यह करने में मजा आता है.’
कासिम, उस्मान या नावेद : पूछताछ के दौरान वह अपना नाम बदलता रहा. पहले कहा कि उसका नाम कासिम खान है, फिर कहा उस्मान और फिर बताया कि उसका नाम दरअसल मोहम्मद नावेद है.
मैंने आतंकी की गर्दन पकड़ी राकेश ने बंदूक : विक्रमजीत
उधमपुर : स्कूल की इमारत में बंधक बनाये गये युवक राकेश कुमार ने बताया, ‘गोली की आवाज सुनने के बाद जैसे ही मैं अपने घर से बाहर आया, यह आतंकवादी आया और मुङो अपने साथ चलने के लिए कहा. वह पहले ही तीन-चार लोगों को अपने साथ ले चुका था.’ एक अन्य बंधक विक्रमजीत ने कहा, ‘हमें बंदूक के जोर पर स्कूल ले जाया गया. उसने हमसे इलाके से भागने का रास्ता दिखाने को कहा.’ धमकी दी : रास्ता नहीं दिखाया, तो तुम्हारे परिवार को जान से मार डालेंगे. इसी बीच बंधक बने देशराज, सुभाष शर्मा और जीवन वहां से भागने में सफल रहे. वहीं विक्रमजीत और राकेश ने उस आतंकी से मुकाबला किया और काफी संघर्ष के बाद उसे पकड़ लिया. विक्रमजीत ने कहा, ‘मैंने उसकी गर्दन पकड़ी और राकेश ने उसकी बंदूक पकड़ ली. आतंकवादी ने गोलियां चलायी, लेकिन हम बच गये और उसे दबोच लिया.’
ऐसे चला घटनाक्रम
1. उधमपुर में तीन आतंकियों का बीएसएफ के काफिले पर हमला
2. जवानों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गये, पर दो जवान भी हुए शहीद
3. एक आतंकी भाग कर एक स्कूल में पांच लोगों को बनाया बंधक
4. फिर चला बीएसएफ का अभियान बंधकों ने कासिम को पकड़ा