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ललित मोदी मामले में सुषमा स्वराज ने संसद में ”गुनाह कबूल” किया, सोनिया को ललकार
नयी दिल्ली : आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी विवाद के मदद विवाद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि ललित मोदी को मैंने ट्रेवल डाक्यूमेंट देने के लिए न सिफारिश की और न ही आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ललित मोदी की पत्नी के इलाज के लिए […]
नयी दिल्ली : आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी विवाद के मदद विवाद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि ललित मोदी को मैंने ट्रेवल डाक्यूमेंट देने के लिए न सिफारिश की और न ही आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ललित मोदी की पत्नी के इलाज के लिए मैंने ब्रिटिश सरकार को सिर्फ मौखिक संदेश भिजवाया था और निर्णय ब्रिटिश सरकार पर छोडा था.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्होंने मौखिक संदेश मानवीय आधार पर भिजवाया था, क्योंकि ललित मोदी की पत्नी पिछले 17 साल से कैंसर से जूझ रही हैं और दसवीं बार उनका कैंसर उभर आया हैं, जिसका पुर्तगाल में इलाज होना था और इस दौरान उनकी मौत भी हो सकती थी या उनकी दोनों किडनी खराब हो सकती थी. सुषमा स्वराज ने अपनी शानदार शैली में रामचरितमानस की चौपाई का उच्चारण किया और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी सवाल पूछा कि अगर मेरी जगह पर वे होतीं तो क्या करतीं?
सुषमा स्वराज ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि जीवन में नफा-नुकसान और यश-अपयश लगा रहता है. सुषमा ने कहा कि जो मुझसे इतना प्यार व स्नेह करते थे, वे भी आज मुझसे इस्तीफा मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि लगता है कि मेरा अभी बुरा समय चल रहा है और ग्रह टलेगा और मुझे स्नेह व विश्वास मिलेगा.
सुषमा स्वराज ने कहा कि मुझ पर आरोप लगाने वाले मेरी सिफारिश या अनुरोध से संबंधित एक चिट्ठी, एक पुर्जा या एक इमेल प्रस्तुत कर दें. उन्होंने अंगरेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की खबर का उल्लेख किया, जिसमें अखबार ने ब्रिटेन के गृह विभाग से जानकारी मांगी थी कि ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज कैसे दिये गये. इस सवाल के जवाब में वहां के गृह विभाग ने अखबार को बताया कि उन्हें दस्तावेज ब्रिटिश सरकार के नियमों के तहत दिये गये. सुषमा ने कहा कि अगर वे मेरी सिफारिश पर दस्तावेज देते, तो कहते कि भारत की विदेश मंत्री की अनुशंसा पर दस्तावेज दिये गये.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि एक नॉन इश्यू को इश्यू बनाया जा रहा है. मुझसे पूछ रहे हैं कि कैसे किया, क्यों किया, अरे इससे पहले यह तो बताओ क्या किया. उन्होंने सदन में सवाल पूछा कि क्या मैंने मोदी को लाभ पहुंचाया, उन्हें भगाया, जांच रुकवायी या दस्तावेज दिलवाया?
उन्होंने कहा कि एक भारतीय महिला जो 17 साल से कैंसर से पीडित है और उस पर कोई आरोप नहीं है, उसके लिए अगर मैंने मानवीय आधार पर मौखिक संदेश भेजा और यह गुनाह है, तो हां मैंने यह गुनाह किया है और सदन जो भी सजा दे मैं उसे भुगतने को तैयार हूं.
सुषमा के बयान के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सांसद अनुपस्थित थे. मालूम हो कि आज वे फिर सांसदों के निलंबन के सवाल पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.
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