दूसरी शादी के बाद भी पहली पत्नी को देना होगा गुजारा भत्ता : अदालत

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने घरेलू हिंसा के एक मामले में एक व्यक्ति को अपनी पहली पत्नी और उनके दो बच्चों को प्रति माह 8000 रुपये अंतरिम गुजारा भत्ता देने का निर्देश देते हुए कहा है कि वह दूसरी पत्नी की जिम्मेदारी का बहाना बनाकर अपने दायित्व से नहीं बच सकता. मेट्रोपोलिटन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2015 2:56 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने घरेलू हिंसा के एक मामले में एक व्यक्ति को अपनी पहली पत्नी और उनके दो बच्चों को प्रति माह 8000 रुपये अंतरिम गुजारा भत्ता देने का निर्देश देते हुए कहा है कि वह दूसरी पत्नी की जिम्मेदारी का बहाना बनाकर अपने दायित्व से नहीं बच सकता. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मोना टार्डी केरकेट्टा ने व्यक्ति के इस दावे को खारिज कर दिया कि वह बीमार है और उसे अपनी दूसरी पत्नी की भी देखभाल करनी होती है.

अदालत ने कहा, ‘अदालत का मानना है कि शिकायतकर्ता और उनके दोनों बच्चे इस बात के मद्देनजर अंतरिम गुजारा भत्ता पाने के हकदार हैं कि यह व्यक्ति उसका पति और उसके बच्चों का पिता है. यह पुरुष की कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह उसके पास मौजूद साधनों के अनुसार उन्हें गुजारा भत्ता दे. वह अपर्याप्त साधनों या दूसरी पत्नी की जिम्मेदारी का बहाना बनाकर अपने दायित्व से नहीं बच सकता.’

हालांकि अदालत ने आय साक्ष्य के संदर्भ में दोनों पक्षों के दावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनकी वित्तीय स्थितियों को साबित करने के लिए कोई विस्तृत साक्ष्य दायर नहीं किया गया है. शिकायत के अनुसार महिला ने दावा किया था कि उसके पूर्व पति की होटल व्यवसाय से प्रतिमाह 55,000 रुपये की आय है जबकि उसके पास कोई पेशेवर योग्यता नहीं है और वह कहीं कार्यरत नहीं है.

पुरुष ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि वह व्यापार में अपने पिता की केवल मदद करता है और उसकी आय प्रतिमाह 10,000 रुपये है. उसने कहा कि वह मधुमेह से पीडित है और उसके उपर दूसरी पत्नी की भी जिम्मेदारी हैं. अदालत ने कहा कि पुरष ने अपने व्यवसाय और आय की संपूर्ण जानकारी का खुलासा नहीं किया है.

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