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……और जांबाज रॉकी अकेला लड़ता रहा आतंकवादियों से

जम्मू-चंडीगढ़ : सीमा सुरक्षा बल (बीएसफ) जवानों के एक काफिले पर भारी हथियारों से लैस दो आंतकवदियों द्वारा हमला किये जाने के बाद बीएसएफ के जांबाज जवान रॉकी ने 40 गोलियों से भरी पूरी मैगजीन खाली कर दी और अन्य 44 निहत्थे जवानों की जान बचाने के लिए अपनी जान की कुबार्नी दे दी. अन्य […]

जम्मू-चंडीगढ़ : सीमा सुरक्षा बल (बीएसफ) जवानों के एक काफिले पर भारी हथियारों से लैस दो आंतकवदियों द्वारा हमला किये जाने के बाद बीएसएफ के जांबाज जवान रॉकी ने 40 गोलियों से भरी पूरी मैगजीन खाली कर दी और अन्य 44 निहत्थे जवानों की जान बचाने के लिए अपनी जान की कुबार्नी दे दी.

अन्य सैन्य बलों के पहुंचने तक 25 वर्षीय बहादुर जवान आंतकियों से लड़ता रहा. अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी 20 मिनट बाद ही मौके पर पहुंच सके. बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि रॉकी ने आतंकियों को उलझाये रखा और बीएसएफ जवानों से भरी बस पर आतंकियों को ग्रेनेड से हमला नहीं करने दिया. एक आतंकवादी मौके पर ही मारा गया जबकि एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया.

रॉकी के साथी और बस चालक शुभेंदु रॉय भी इस हमले के दौरान शहीद हो गये. आतंकवादियों ने बस के टायर पर गोली मारकर उसे पंक्चर कर दिया था जिससे बस आगे नहीं बढ़ सकी. शीर्ष बीएसएफ अधिकारियों ने जवान के साहस की तारीफ की. हरियाणा में रॉकी के गांव में शोक का माहौल है. हरियाणा के यमुनानगर जिले के रामगढ माजरा गांव में बीएसएफ काफिले पर आतंकी हमले की खबर पहुंचने के बाद से ही जीवन ठहर सा गया है.
जांबाज जवान के पिता प्रितपाल ने कहा कि उनका बेटा दो सप्ताह पहले तक उनके साथ था. प्रितपाल ने बताया कि उन्हें इस बात का तनिक भी अहसास नहीं था कि ऐसा होगा. उन्होंने साथ ही कहा मेरा गांव और पूरा देश गौरवांवित है कि मेरे बेटे ने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया. शहीद के गांव रामगढ माजरा में मौजूद पुलिस उपाधीक्षक सुभाष चंद ने कहा कि रॉकी के शव के शाम तक गांव पहुंचने की संभावना है.
शहीद के परिवार का ब्योरा देते हुए उन्होंने बताया कि उसके पिता प्रितपाल और माता अंग्रोजी देवी के अलावा उसके परिवार में भाई रोहित और बहन नेहा हैं. चंद ने बताया कि रोहित भी सैन्य बल में भर्ती के लिए प्रयास कर रहा है जबकि नेहा एक नर्सिंग कोर्स कर रही है. उन्होंने बताया कि रॉकी ढाई वर्ष पहले सशस्त्र बल में भर्ती हुआ था.
शहीद के गांव में लगभग 700-800 वोटर हैं और लोग उसे श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उसके घर पहुंच रहे हैं. चंद ने बताया परिवार के सदस्य और गांव वाले दुखी हैं. साथ ही शहीद की बहादुरी के लिए उसे नमन कर रहे हैं. ग्रामीण उसके द्वारा दी गयी कुर्बानी को लेकर गौरवांवित हैं.

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