हरदा की दोहरी रेल दुर्घटना में मृतकों संख्या 29 हुई

भोपाल: मध्यप्रदेश के हरदा जिले में पानी में डूबे रेल पुल को पार करते समय पटरी धंसने की वजह से मंगलवार की रात को हुई दोहरी रेल दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढकर 29 हो गई है. नदी के बहाव की दिशा से कल एक और शव मिला है. पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2015 1:27 PM

भोपाल: मध्यप्रदेश के हरदा जिले में पानी में डूबे रेल पुल को पार करते समय पटरी धंसने की वजह से मंगलवार की रात को हुई दोहरी रेल दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढकर 29 हो गई है. नदी के बहाव की दिशा से कल एक और शव मिला है.

पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी आई ए सिद्दीकी ने आज यहां बताया, ‘‘कल सुबह ग्रामीणों द्वारा दुर्घटनास्थल से लगभग डेढ किलोमीटर दूर से एक और शव लाया गया है, जिससे मृतकों संख्या 29 हो गई है. इस प्रकार कुल 29 मृतकों में से 12 शव गाडी के डिब्बों से तथा 17 शव आसपास के क्षेत्रों में मिले है. इन 29 मृतकों में से 17 मृतकों की पहचान हो पाई है’’.
सिद्दीकी ने इन 17 मृतकों के नाम मथुराबाई :60, दीपचंद रजक (40), हीराबाई (35), गेंदाबाई (65), सुशीलाबाई (45), रेनू बाथरे (20), संगीता बाथरे (17), अंशु बाथरे (03), अंशी बाथरे (06), राजकुमारी (25), सोनिया (55), जीजाबाई (75), विश्रम मीना (75), फारुक (23), सूरज सैनी (25), कंचन देवी (50) एवं रमजान शाह (23) बताए हैं.
उन्होने बताया कि लगभग 900 मीटर की पटरी संरचना माचक नदी में अचानक तेजी से आई बाढ के कारण बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. रेल पटरियों के नीचे से मिट्टी एवं गिट्टी बहुत बडी मात्र में बह गई तथा रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया.
जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि भोपाल मंडल रेल प्रबंधक आलोक कुमार सहित लगभग 800 रेल अधिकारी-कर्मचारी दुर्घटनास्थल पर कार्यरत हैं तथा इस रेलखंड में रेल यातायात नौ अगस्त की शाम तक शुरु कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि गत मंगलवार रात 11071 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-वाराणसी ‘कामायनी एक्सप्रेस’ और 13201 राजेन्द्र नगर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस ‘जनता एक्सप्रेस’ के डिब्बे खिरकिया एवं भिरंगी स्टेशनों के बीच माचक नदी में अचानक आई तेज बाढ से पटरियों के नीचे की मिट्टी एवं गिट्टी बह जाने के कारण पलट गए थे.
रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि बचाव कार्य के दौरान जनता एक्सप्रेस के पलट गए डिब्बों से 11 एवं कामायनी एक्सप्रेस के डिब्बों से एक शव को निकाला गया तथा दुर्घटना के अगले दिन पांच अगस्त को दिन भर ग्रामीणों द्वारा आसपास के क्षेत्रों से 13 अन्य शव लाए गए.
इसी दिन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों की तलाशी अभियान में देर शाम तक तीन शव और मिले. कल सुबह ग्रामीणों द्वारा दुर्घटनास्थल से डेढ किलोमीटर दूर से एक और शव लाया गया. इस तरह 29 शवों में से 12 शव दोनों रेलगाडियों के डिब्बों से तथा 17 शव आसपास के क्षेत्रों से मिले थे.

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