कांग्रेस ‘बहिष्कार का मार्ग’ छोडकर ‘चर्चा का मार्ग’ अपनाए :वेंकैया

नयी दिल्ली: संसद के बहिष्कार करने की ‘जैसे को तैसा’ रुख त्यागने की अपील करते हुए सरकार ने आज कांग्रेस पार्टी से देश के विकास में सहभागी बनने और ‘बहिष्कार का मार्ग’ छोडकर ‘चर्चा का मार्ग’ अपनाने को कहा. संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2015 3:35 PM

नयी दिल्ली: संसद के बहिष्कार करने की ‘जैसे को तैसा’ रुख त्यागने की अपील करते हुए सरकार ने आज कांग्रेस पार्टी से देश के विकास में सहभागी बनने और ‘बहिष्कार का मार्ग’ छोडकर ‘चर्चा का मार्ग’ अपनाने को कहा.

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब कोई कोई सदस्य निलंबित हुआ हो, 1989 में विपक्ष के 63 सदस्यों को निलंबित किया गया था, जब वे ठक्कर समिति की रिपोर्ट को सदन में रखने की मांग कर रहे थे. 2013 में भी सदन में सदस्यों को निलंबित किया गया. ‘‘ क्या वे :कांग्रेस: इसे भूल गए.’’उन्होंने कहा, ‘‘ इस बारे में कांग्रेस पार्टी की दलील का कोई आधार नहीं है. कोई भी इससे सहमत नहीं है. सरकार का रुख स्पष्ट है.’’’वेंकैया ने कहा कि सचाई सामने आ गई है, उनका दुष्प्रचार सामने आ गया है. लोग क्षुब्ध होते जा रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी से सदन की कार्यवाही चलाने की अपील करते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘ जैसे को तैसा का रुख छोडें. लोग अधीर हो रहे हैं. आप (कांग्रेस) अपना नुकसान कर रहें हैं, देश का नुकसान कर रहे हैं. सदन के बहिष्कार का मार्ग छोड कर चर्चा का मार्ग अपनायें. देश की प्रगति के मार्ग को बाधित न करें.’’ ललित मोदी प्रकरण पर कल लोकसभा में सुषमा के बयान को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा ‘नाटक’ बताये जाने के बारे में पूछे जाने पर वेंकैया ने कहा,‘‘नाटक कौन कर रहा है, सब जानते हैं.’’

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